छत्तीसगढ़ में बंद का व्यापक असर
रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में बुधवार को बंद का व्यापक असर देखा गया. उल्लेखनीय है कि बिलासपुर के पेंडारी में आयोजित नसबंदी शिविर में कम से कम 13 महिलाओं की मौत को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित बंद का राज्यभर में आयोजन किया गया था. बंद को छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी समर्थन दिया था. इस दौरान स्वास्थ्य सेवाएं जारी रही क्योंकि उन्हें बंद से छूट दी गई थी.
इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के बंगले पर सुरक्षा बढ़ा दी गई.
राजधानी रायपुर सहित पूरे राज्य में व्यापक बंद का व्यापक असर देखने को मिला. सड़कों पर इक्के -दुक्के वाहन ही दिखे. आम लोगों की आवाजाही भी काफी कम दिखी. रायपुर के प्रमुख मार्गो पर सन्नाटा पसरा रहा.
अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान व दुकानें बंद रहीं. स्कूलों-कॉलेजों और कार्यालयों में उपस्थिति नगण्य रही.
बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल ने भी बंद में काफी सहयोग किया है. सभी बैंक और एटीएम सेवाएं बंद रहीं.
कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से स्कूल-कॉलेजों को बंद कराने में जुटे हुए थे. कई जगह वाहनों में तोड़फोड़ की भी खबर है. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्कूली बसों को जबरन रोका. रायपुर में डीपीएस स्कूल की एक बस को मोवा ओवरब्रिज पर रोककर उसके शीशे तोड़ दिए गए.
कांग्रेसी कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के वार्डो में घूम-घूम कर स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पम्प व व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कराते दिखे. बंद के दौरान पुलिस बल ने कांग्रेस के रायपुर शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय सहित सैकड़ों कार्यकतरओ को गिरफ्तार कर केंद्रीय कारागार भेज दिया.
बाद में उपाध्याय की तबीयत खराब होने पर उन्हें मेकाहारा में भर्ती कराया गया.
इस दौरान उपाध्याय ने बंद को पूर्ण सफल करार दिया और कहा कि नसबंदी कांड को लेकर प्रदेश की जनता ने बंद रखकर सरकार के खिलाफ अपना रुख साफ कर दिया है.
कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता प्रदेश के सभी जिलों में आज सुबह से टोलियां बनाकर अपने-अपने शहर के वार्डो में घूम-घूमकर पेट्रोल पम्प, स्कूल-कॉलेज के साथ ही दुकानों को बंद कराते रहे.
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स ने पहले ही बंद के समर्थन की घोषणा कर दी थी, जिसके चलते चैम्बर से जुड़े प्रदेश भर के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने मंगलवार को व्यापारिक संगठनों और आम जनता से छत्तीसगढ़ बंद को समर्थन देने की अपील की थी.
इस बीच बघेल ने बुधवार को कहा, “जिन महिलाओं की मौत हुई है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. गड़बड़ी की आशंका है. इसलिए बिसरा सुरक्षित रखा जाए, ताकि सबूत नष्ट नहीं किए जा सकें.”
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में बंद का व्यापक असर देखा गया. स्कूल तथा कॉलेज बंद रहें. व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने बंद रखा.
वहीं, कांग्रेस नेता अमित जोगी ने पूरी घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है.
छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, धमतरी, महासमुंद सहित अन्य जिलों में व्यापक बंद की खबर है.
बंद से आवश्यक सेवाओं, मेडिकल स्टोर्स, अस्पतालों को मुक्त रखा गया था.
इस बीच नसबंदी करने वाले चिकित्सक आरके गुप्ता पर बुधवार को चकरभाटा थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है.
दूसरी ओर उच्च न्यायालय ने नसबंदी मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से मामले पर रपट मांगी है.