बल्देवभाई शर्मा बने पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति
रायपुर | संवाददाता: बल्देव भाई शर्मा रायपुर की पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नये कुलपति नियुक्त किये गये हैं. संघ और भाजपा की पृष्ठभूमि के बल्देव भाई शर्मा अभी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता विभाग से जुड़े हुये हैं.
कांग्रेस पार्टी की सरकार में संघ की पृष्ठभूमि के कुलपति की नियुक्ति को लेकर सोशल मीडिया में ख़ूब चर्चा है.
गौरतलब है कि रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पिछले साल मार्च से कुलपति का पद रिक्त था. विश्वविद्यालय के कुलपति एमएस परमार के इस्तीफ़े के बाद से ही नये कुलपति के लिये कई नाम चर्चा में थे.
इससे पहले इस पद पर जाने-माने पत्रकार उर्मिलेश की नियुक्ति की चर्चा थी. इसके अलावा कुछ और नाम भी चर्चा में थे.इनमें कुछ नाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पसंद के भी थे. लेकिन राज्यपाल अनुसुइया उइके ने सारे नामों को खारिज़ कर बल्देव भाई शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी.
इससे पहले नवंबर में कुलपति के चयन के लिये एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से नामित केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति कुलदीप चंद अग्निहोत्री को अध्यक्ष बनाया गया था. इसके अलावा पत्रकारिता विश्वविद्यालय राजस्थान के कुलपति व वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी, हरिदेश जोशी और आईएफएस अधिकारी डॉ. के सुब्रह्मण्यम इस चयन समिति में शामिल थे.
सूत्रों का कहना है कि इस चयन समिति ने कुल तीन नाम कुलपति पद के लिये राज्यपाल को सौंपे थे.
बल्देवभाई शर्मा
6 अक्टूबर 1955 को मथुरा के बल्देव गांव में जन्में बल्देव भाई नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा वे स्वदेश, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, नेशनल दुनिया के संपादक रह चुके हैं. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक पंडित दिनदयाल उपाध्याय द्वारा स्थापित पाञ्चजन्य के भी संपादक रहे हैं.
उन्होंने ‘मेरे समय का भारत’, ‘अखबार और विचार’, ‘संपादकीय विमर्श’, ‘आध्यात्मिक चेतना और सुगंधित जीवन’ जैसी किताबें लिखी हैं. आरएसएस के पूर्व प्रमुख केसी सुदर्शन के जीवन पर लिखी उनकी किताब ‘हमारे सुदर्शनजी’ और भाजपा नेता मृदुला सिन्हा की जीवनी ‘सहजता की भव्यता’ चर्चित किताबें रही हैं.
‘भारत-सांस्कृतिक चेतना का अधिष्ठान’ दो साल पहले प्रकाशित उनकी कृति है.