बालको प्रबंधन का वीआरएस दांव
कोरबा | संवाददाता: बालको प्रबंधन ने रोलिंग मिल को बंद करने के पहले वीआरएस का दांव खेला है. ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारी भी बालको प्रबंधन के इस झांसे में आ गये हैं. सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 375 कर्मचारियों ने स्वैछिक सेवानिवृत्ति का फॉर्म भर दिया है. बालको कर्मचारियों के यूनियन का कहना है कि बालको प्रबंधन इसके लिये कर्मचारियों पर दबाव डाल रहा है. इतना ही नहीं बाल्को प्रबंधन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की अवधि 27 सितंबर तक बढ़ा दी है. पहले यह तिथि 24 सितंबर तक की थी.
उल्लेखनीय है कि बाल्को प्रबंधन ने केन्द्र सरकार से अपने रोलिंग डिवीजन को 8 आठ दिसंबर, 2015 तक बंद करने की अनुमति चाही है. बालको प्रबंधन ने इसकी सूचना बाम्बे स्टाक एक्सचेंज, नेशनल स्टाक एक्सचेंज तथा सचिव, श्रम मंत्रालय, छत्तीसगढ़ शासन को दे दिया है.
अनिल अग्रवाल की दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता लि. की बाल्को में 51 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सेदारी सरकार के पास है. यहां पर सालाना 30,000 टन एल्युमीनियम शीट्स और कॉइल्स जैसे रोल्ड उत्पादों का निर्माण किया जाता है. सरकार को प्रेषित पत्र में कहा गया कि यूनिट को इंडस्ट्रियल डिसप्यूट्स एक्ट, 1947 के प्रावधानों के तहत बंद किया जाएगा.
दरअसल, बाल्को द्वारा रोलिंग डिवीजन को बंद करने कवायद उसकी रीस्ट्रक्चरिंग का भी हिस्सा है. इस कदम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1,000 लोग बेरोजगार हो जाएंगे. चूंकि रोलिंग मिल को बंद करने का विरोध किया जा रहा है इसलिये बालको प्रबंधन ने वीआरएस का दांव फेंका है.