जिंदल, कोड़ा को जमानत मिली
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कोयला घोटाले के आरोपी नवीन जिंदल तथा मधु कोड़ा को जमानत मिल गई है. कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता व उद्योगपति नवीन जिंदल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा अन्य आठ को जमानत दे दी. केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने आरोपियों को जमानत दी और उन्हें एक लाख रुपये का निजी बांड तथा इतनी ही राशि का मुचलका जमा कराने के निर्देश दिए.
अदालत ने उन्हें अनुमति के बगैर देश छोड़कर कहीं नहीं जाने के निर्देश दिए हैं.
जिंदल और कोड़ा के अतिरिक्त इस मामले में जिन अन्य लोगों को जमानत दी गई है, उनमें पूर्व केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव तथा पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच. सी. गुप्ता भी शामिल हैं.
सीबीआई ने जिंदल, कोड़ा, राव, गुप्ता तथा छह अन्य ज्ञान स्वरूप गर्ग, सुरेश सिंघल, राजीव जैन, गिरीश कुमार जुनेजा, आर.के. सर्राफ तथा के. रामकृष्णा के खिलाफ 29 अप्रैल को आरोप-पत्र दाखिल किया था.
आरोप-पत्र में पांच निजी कंपनियों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें से चार कंपनियां दिल्ली और एक हैदराबाद में हैं.
ये कंपनियां जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, गगन स्पॉन्ज आयरन प्राइवेट लिमिटेड, जिंदल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड और सौभाग्य मीडिया लिमिटे हैं.
सीबीआई ने इसके खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाए हैं.
यह मामला झारखंड का अमरकोंडा मुरगादंगल कोयला ब्लॉक जिंदल स्टील और गगन स्पॉन्ज कंपनियों को आवंटित करने से संबंधित है. सीबीआई ने कहा कि 35वीं स्क्रीनिंग समिति ने अमरकोंडा मुरगादंगल कोयला ब्लॉक उन्हें आवंटित करने की सिफारिश की थी.
सीबीआई अधिकारी ने कहा, “आरोप लगाया गया है कि दिल्ली की दो इस्पात एवं लौह कंपनियों ने कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए गलत जानकारियां उपलब्ध कराईं.”
कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के समय 2006 से 2009 तक राव केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री थे.
अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में 11 जून, 2013 को दिल्ली और हैदराबाद में 19 स्थानों की तलाशी ली गई.