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फेसबुक पर बच्चे की बिक्री

लुधियाना | संवादादाता: फेसबुक पर बच्चे की बोली लगाकर उसे बेचने की कोशिश करने के मामले में पुलिस अब साइबर एक्सपर्ट की मदद ले रही है. पुलिस का कहना है कि जिन लोगों को इस मामले में पकड़ा गया है, उन्होंने इससे पहले तो किसी सोशल नेटवर्किंग साइट के सहारे बच्चों को बेचने का काम तो नहीं किया है. हालांकि पकड़े गये लोगों ने इससे इंकार किया है लेकिन पुलिस मान कर चल रही है कि अपराधी शातिर हैं और इनकी बात पर आंख मूंद कर विश्वास नहीं किया जा सकता. पुलिस फिलहाल इस बात को जानने में जुटी हुई है कि क्या फेसबुक पर बच्चे बिकते रहे हैं?

गौरतलब है कि लुधियाना की नूरा की शादी 2012 में मेरठ के शहजाद से हुई थी लेकिन उनका पारिवारिक जीवन ठीक नहीं रहा और उसका तलाक हो गया. तलाक के बाद जब वह मायके लौटी तो वह गर्भवती थी. उसने 8 अप्रैल को एक लड़के को जन्म दिया. लेकिन नूरा के पिता ने आने वाले दिनों में बच्चे को लेकर होने वाली परेशानी का ध्यान रख कर नूरा को बता दिया कि उसका बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ है.

नूरा के पिता फिरोज ने बच्चे को अस्पताल में ही काम करने वाली नर्स को 45 हजार रुपये में बेच दिया. नर्स ने भी बच्चे को तीन दिन अपने पास रखा और बाद में साढ़े तीन लाख रुपये में कुछ लोगों को बेच दिया. जिस गिरोह ने इस बच्चे को खरीदा, उसने बच्चे को बेचने के लिये उसकी तस्वीर फेस बुक पर डाल कर उसकी बोली लगवानी शुरु की. अंततः दिल्ली का एक व्यापारी बच्चे को 8 लाख रुपये में खरीदने को राजी हो गया.

पुलिस का कहना है कि सोशल नेटवर्किंग साइट पर इस तरह से बच्चे को बेचने के इस मामले में पुलिस ने हस्तक्षेप किया और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल बच्चे को उसकी मां नूरा को सौंप दिया गया है और पुलिस आरोपियों के अपराध की जांच में जुटी हुई है.

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