अगस्ता में रमन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इधर कैग की रिपोर्ट में यह सनसनीखेज मामला सामने आया कि छत्तीसगढ़ सरकार में शामिल अफसरों ने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से ऐन-केन-प्रकारेण हेलिकॉप्टर खरीदी के लिये तरह-तरह की तिकड़में की. इसके लिये पहले तो सरकार ने ग्लोबल टेंडर बुलाने के बजाये सीधे अगस्ता वेस्टलैंड, इटली से ही हेलिकॉप्टर खरीदी का फैसला ले लिया और फिर जब बात नहीं बनी तो अगस्ता वेस्टलैंड, इटली के ही खास मॉडल का ग्लोबल टेंडर बुला कर उसी कंपनी को टेंडर दे दिया, जिससे पहले बिना टेंडर के खरीदी का निर्णय लिया गया था.
कैग की रिपोर्ट से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनवरी 2007 में एक नया पावर हेलिकॉप्टर खरीदी का अनुमोदन करते हुये इसके लिये एक कमेटी भी बनाई थी.
मुख्यमंत्री रमन सिंह, राज्य के मुख्य सचिव और मुख्य सचिव वित्त, जो कि अतिरिक्त मुख्य सचिव जो उस समय ACS विमानन का भी पद देख रहे थे, इस कमेटी में शामिल थे. हेलिकॉप्टर खरीदी के लिये क्या विकल्प हो सकते हैं, इस पर विचार का जिम्मा कमेटी को दिया गया.
कैग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि यह सब होने के बाद भी स्टोर खरीदी नियमों से परे, टेंडर बुलाने के बजाये छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रीमंडल ने फरवरी 2007 में एक बैठक में इस बात का अनुमोदन किया कि ग्लोबल टेंडर नहीं बुलाये जाएंगे क्योंकि हेलिकॉप्टर एक विशिष्ठ उत्पाद है. इसके बाद मंत्रिमंडल ने कमेटी को अधिकृत किया कि अगस्ता ए-109 पावर हेलिकॉप्टर की निर्माणकर्ता अगस्ता-वेस्टलैंड इटली की एक भारतीय सेवा प्रदाता फर्म ओएसएस एयर मैनेजमेंट से जनवरी 2007 में प्राप्त प्रस्ताव पर मोलभाव करे.
मतलब ये कि छत्तीसगढ़ सरकार ने उस समय जनवरी में ही तय कर लिया था कि उसे इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से ही हेलिकॉप्टर खरीदना है. यही कारण है कि कमेटी बनने के बाद और मंत्रीमंडल की बैठक से पहले ही सरकार के पास अगस्ता कंपनी के स्थानीय सेवा प्रदाता ओएसएस एयर मैनेजमेंट फर्म का प्रस्ताव भी आ गया.
कैग की रिपोर्ट के अनुसार हेलिकाप्टर को 63.15 लाख अमरीकी डॉलर में आपूर्ति किये जाने का प्रस्ताव था. इसमें 2 लाख अमरीकी डॉलर की प्रिमियम राशि थी. इस प्रस्ताव के अनुसार अगस्ता ए-109 पावर हेलिकॉप्टर की डिलिवरी अगस्त-सितंबर 2007 में इस शर्त के साथ होनी थी कि 31 जनवरी 2007 तक आपूर्ति आदेश दे दिया जाये और इसके साथ ही 35.97 लाख अमरीकी डालर का अग्रिम भुगतान भी मेसर्स शार्प ओशन इंवेस्टमेंट लिमिटेड, हांगकांग को कर दिया जाये, जो इस इलाके की अधिकृत डीलर थी.
दस्तावेज बताते हैं कि फरवरी 2007 में हांगकांग के डीलर से बातचीत के बाद डीलर प्रीमियम की रकम 2 लाख अमरीकी डॉलर को छोड़ने के लिये तैयार हो गया. मेसर्स शार्प ओशन इंवेस्टमेंट लिमिटेड, हांगकांग ने हेलिकॉप्टर को 61.25 लाख अमरीकी डॉलर यानी 25.31 करोड़ रुपये में देने के लिये अपनी सहमति दे दी.