एसोचैम: कालेधनपतियों के नाम गोपनीय रखा जाये
नई दिल्ली | एजेंसी: एसोचैम, विदेशों में कालेधन को रखने वालों के नाम उजागार करने के खिलाफ है. उद्योग संघ, एसोचैम ने रविवार को कहा कि कथित तौर पर विदेशी बैंकों में अवैध रूप से खाता रखने वालों के नाम समय से पहले सार्वजनिक करने से काले धन के खिलाफ देश की लड़ाई पर नकारात्मक असर पड़ेगा. एसोचैम ने कहा है कि दोहरे कराधान निवारण समझौते के गोपनीयता प्रावधानों के कारण खाता धारकों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा सकते.
एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने एक बयान में कहा, “डीटीएटी भारतीय व्यक्ति या कंपनी के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वे दो बार कर देने से बच सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि ऐसे खाता रखने वालों के नामों की घोषणा अखबारों की सुर्खियां भले ही बन जाए, लेकिन इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ देश की लड़ाई कमजोर होगी.
उन्होंने साथ ही कहा, “यही नहीं 88 देशों के साथ डीटीएटी के उल्लंघन से देश की विश्वसनीयता घटेगी.”
रावत ने कहा, “यदि नाम सार्वजनिक किए जाते हैं और उन नामों पर दोष साबित नहीं हो पाता है, तो इससे उस व्यक्ति और कंपनी की शाख को क्षति पहुंचेगी और इससे पूरी न्याय प्रणाली को नुकसान पहुंचेगा.”
रावत ने इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के व्यवहारिक रवैये की सराहना करते हुए कहा, “मुद्दा न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए सरकार मुद्दे की तह तक पहुंचने के लिए निश्चित रूप से सर्वोच्च न्यायालय को सहयोग देगी, लेकिन यइ सब सार्वजनिक तौर पर नहीं किया जा सकता है.”