ऑनलाइन शापिंग 78% बढ़ेगी
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: उद्योग संघ एसोचैम ने रविवार को कहा कि देश में इस साल आनलाइन शापिंग में 78 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है. इसकी वजह आकर्षक आफर और आक्रामक विपणन नीति हैं.
एसोचैम और प्राइसवाटरहाउस कूपर्स के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है, “बाजार में सुस्ती के बावजूद 2016 में आनलाइन शापिंग में 78 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है. 2015 में यह 66 फीसदी थी. इसकी वजह आकर्षक डील और किताब-गहने से लेकर कपड़े तक फैलते जा रहे आनलाइन शापिंग के दायरे की आक्रामक विपणन नीति है.”
अध्ययन के मुताबिक, 2015 में 5 करोड़ 50 लाख लोगों ने आनलाइन खरीदारी की थी. उम्मीद है कि इस साल 8 करोड़ लोग आनलाइन खरीदारी करेंगे.
अध्ययन में कहा गया है कि स्मार्टफोन और टैबलेट्स की बढ़ती लोकप्रियता और दायरा ई-कामर्स के लिए बेहद मददगार साबित हो रहे हैं. इंटरनेट से जुड़े तमाम उपकरण लोगों के लिए आनलाइन शापिंग को काफी आसान बना दे रहे हैं.
अध्ययन में कहा गया है कि आनलाइन खरीदारी का 11 फीसदी हिस्सा मोबाइल फोन के जरिए हो रहा है. 2017 में कुल आनलाइन शापिंग में से 25 फीसदी मोबाइल फोन के जरिए होने की उम्मीद है.
अध्ययन में बताया गया है कि इस वक्त देश का ई-कामर्स उद्योग 25 अरब डालर का है. यह सालाना 35-40 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है. अगले पांच साल में इसके बढ़कर 100 अरब डालर से भी अधिक हो जाने की उम्मीद है.
एसोचैम महासचिव डी.एस.रावत ने कहा, “ई-कामर्स बड़ा व्यवसाय है और वक्त के साथ और बड़ा हो रहा है. आनलाइन शापिंग को भारतीयों ने गर्मजोशी से गले लगाया है. ”
अध्ययन में कहा गया है कि आनलाइन शापिंग के जरिए कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े और तमाम तरह के एसेसरीज की आनलाइन शापिंग अभी 35 फीसदी होती रही है. 2016 में इसके बढ़कर कुल आनलाइन शापिंग के 40 फीसदी हो जाने का अनुमान है.