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मोदी लहर उपचुनाव में फेल?

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: चार राज्यों के उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन सम्मानजनक नहीं रहा. बिहार जैसे राज्य में जहां से भाजपा को लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत मिली थी, वहां से लालू-नीतीश की जोड़ी के सफल रहने से सवाल उठ रहें हैं कि क्या मोदी लहर थम गई है? कांग्रेस को कर्नाटक में बेल्लारी सीट वापस मिल गई है. भाजपा को मध्य प्रदेश में ही 3 में से 2 सीटें मिली हैं. पंजाब से हैरतअंगेज ढ़ंग से आम आदमी पार्टी का सफाया हो गया है.

लालू ने मुंबई से ट्वीट किया, “ऐसा लगता है जैसे लोगों ने लोकसभा चुनाव में की गई गलती सुधार ली है.” नीतीश कुमार ने भी भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय मोर्चा गठित करने का संकल्प लिया.

दूसरी ओर कांग्रेस बिहार के साथ-साथ कर्नाटक और पंजाब में भी अपने प्रदर्शन में सुधार करने में सफल रही. कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल गठबंधन ने बिहार में विधानसभा की 10 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में छह पर जीत हासिल की.

कांग्रेस ने राज्य में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए 23 साल बाद भागलपुर सीट भी भाजपा से छीन ली. कांग्रेस प्रत्याशी अजित शर्मा ने भागलपुर विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नभय चौधरी को 8,000 मतों के अंतर से हराया.

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कभी अपना गढ़ रहे बेल्लारी सहित दो सीटों पर जीत हासिल कर ली, जबकि भारतीय जनता पार्टी को शिकारीपुरा सीट पर जीत मिली.

पंजाब में विधानसभा की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में एक पर कांग्रेस और दूसरे पर राज्य में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल ने जीत हासिल की.

भाजपा ने हालांकि मध्य प्रदेश में अपना वर्चस्व कायम रखते हुए तीन में से दो विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की. आगर व विजयराघवगढ़ में जहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, वहीं बहोरीबंद में कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई.

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उपचुनाव के परिणाम से पार्टी संतुष्ट नहीं है, हालांकि नकवी ने कहा कि उपचुनाव के परिणाम पूरे देश में जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते. नकवी ने कहा, “ये परिणाम पूरे देश की जनभावनाओं को नहीं दर्शाते. स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशी की लोकप्रियता से यह परिणाम तय होते हैं.”

नकवी ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में 44 सीट जीतकर इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस के लिए यह चुनाव परिणाम उसकी वापसी का संकेत नहीं देते. कांग्रेस में हालांकि उपचुनाव के परिणामों को लेकर बेहद खुशी का माहौल रहा.

कांग्रेस के महासचिव शकील अहमद ने कहा, “भाजपा ऐसे जता रही थी कि लोकसभा में झूठे वादों के आधार पर बनी मोदी की लहर उपचुनाव में भी जारी रहने वाली है. लेकिन जनता ने उनकी उम्मीदों के अनुसार वोट नहीं किया.” शकील अहमद ने कहा, “उपचुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए सकारात्मक संकेत देने वाले हैं.”

राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू नेता नीतीश कुमार चुनाव परिणाम से बेहद प्रसन्न दिखे. लोकसभा चुनाव में करारी मात खाने के बाद दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपनी पुरानी अदावत भुलाते हुए भाजपा को मात देने के लिए हाथ मिला लिया है.

बिहार में हुए उपचुनाव में लालू प्रसाद का राष्ट्रीय जनता दल, नीतीश कुमार का जनता दल युनाइटेड और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था.

राजद के अजय कुमार ने मोहिउद्दीननगर सीट 21,530 मतों के अंतर से, रामअवतार पासवान ने राजनगर सीट 3,448 मतों के अंतर से और रणधीर कुमार सिंह ने छपरा सीट 24,106 मतों के अंतर से जीत ली.

जदयू के ऋषि मिश्रा को जाले सीट पर 7,720 मतों के अंतर से और रामानंद प्रसाद सिंह को परबता सीट पर 56,990 मतों के अंतर से जीत मिली.

भाजपा को राज्य में चार सीटों- हाजीपुर, मोहनिया, नरकटियागंज और बांका- पर जीत मिली है. हाजीपुर से अवधेश सिंह, मोहनिया से निर्मल राम, नरकटियागंज से रश्मि वर्मा और बांका रामा नारायण मंडल को जीत मिली है. भाजपा के गठबंधन दल राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली.

2010 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 10 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने छह, राजद ने तीन और जदयू ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी.

कर्नाटक में कांग्रेस उम्मीदवार एन. वाई. गोपालकृष्ण को अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार ओबलेश को 33,104 मतों से पराजित किया. गोपालकृष्ण को कुल 83,906 मत मिले, जबकि ओबलेश को 50,802 मत प्राप्त हुए.

चिकोडी-सादालगा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार गणेश हुकेरी ने भाजपा के उम्मीदवार के. एम. मल्लिकार्जुन को 31,820 मतों से पराजित किया. शिकापीरपुर सीट पर भाजपा के बी. वाई. राघवेंद्र ने कांग्रेस के एच. एस. शांतावीरप्पा गौड़ा को 6,430 मतों के मामूली अंतर से हराया.

आम चुनाव में पंजाब में चार लोकसभा सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन हालांकि बेहद निराशाजनक रहा. इस साल मई में हुए आम चुनाव में पटियाला संसदीय सीट से जीत हासिल करने वाली आप के उम्मीदवार की पटियाला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में जहां जमानत जब्त हो गई, वहीं तलवंडी साबो में भी पार्टी का प्रशर्दन बेहद खराब रहा.

पटियाला विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार व पूर्व विदेश मंत्री प्रनीत कौर ने जीत हासिल की. उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी अकाली दल के उम्मीदवार भगवान दास जुनेजा को 23,200 मतों के अंतर से हराया.

तलवंडी साबो विधानसभा सीट पर अकाली दल के प्रत्याशी जीत मोहिंदर सिंह ने 46,600 मतों के अंतर से यहां जीत हासिल की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के हरमिंदर सिंह जस्सी को हराया.

मध्य प्रदेश की विजयराघवगढ़ सीट पर भाजपा उम्मीदवार संजय पाठक ने कांग्रेस के ब्रजेंद्र मिश्रा को 53,397 मतों से पराजित किया, वहीं आगर में भाजपा के गोपाल परमार ने कांग्रेस के राजकुमार गोरे को 27,702 मतों से पराजित किया. बहोरीबंद विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सौरभ सिंह ने भाजपा के प्रणव पांडे को 7,977 वोटों से हराया. मप्र में जिन तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें से एक सीट कांग्रेस व दो भाजपा के कब्जे में थीं.

बिहार के परिणाम आगे होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले का सेमी फायनल भी माना जा रहा है. यदि यहीं रुझान जारी रहा तो भाजपा को बिहार में सत्ता से दूर रहने पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि अमित शाह के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला चुनाव है तथा उसी में भाजपा, लोकसभा चुनाव के समान लहर को बनाये रखने में कामयाब नहीं दिख रहीं है.

भाजपा के प्रवक्ता का कहना है कि “उपचुनाव के परिणाम पूरे देश में जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते”, अपनी जगह पर ठीक है परन्तु यह माना जा रहा है कि इस उपचुनाव के आते-आते मोदी लहर की तीव्रता कम हो गई है.

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