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अरुणाचल सीएम ने छोड़ा हाथ का साथ

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अरुणाचल के सीएम ने 44 विधायकों सहित कांग्रेस छोड़ दिया है. अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने 44 विधायकों सहित पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश का दामन पकड़ लिया है. राज्य की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहे रस्साकसी के खेल में कांग्रेस मात खाती नज़र आ रही है. कांग्रेस ने भाजपा पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है.

गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जिस पेमा खांडू के सहारे दो महीने पहले भाजपा को मात देते हुए सरकार बनाई थी, अब वही उनके हाथ से निकल गये हैं. पेमा खांडू ने कांग्रेस के 43 विधायकों के साथ पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश का दामन थाम लिया है.

पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश वही क्षेत्रीय पार्टी है, जिसमें दिवंगत कालिखो पुल अपने 22 बागी विधायकों के साथ शामिल हो गये थे और भाजपा के समर्थन से प्रदेश में सरकार बनाई थी. लेकिन कालिखो पुल की सरकार केवल पांच महीने ही चल पाई. अमित शाह ने जिस उत्तर पूर्व प्रजातांत्रिक गठबंधन का गठन किया है, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश उसका अहम सदस्य है.

कांग्रेस का आरोप है कि उनके विधायकों की बगावत में भाजपा का हाथ है. हालांकि अरुणाचल प्रदेश से आने वाले केंद्रीय गृहराज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया हैं.

अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यों वाली विधानसभा में 47 विधायक कांग्रेस के हैं और 2 निर्दलीय विधायक हैं जबकि 11 विधायक भाजपा के हैं. अब पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी सहित सिर्फ तीन विधायक ही कांग्रेस में बचे हैं.

सत्ता के गलियारों में कयास लगाये जा रहें हैं कि कांग्रेस के बागी विधायकों के जरिये भाजपा एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.

उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले जुलाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन हटाकर अरुणाचल में कांग्रेस की सरकार बहाल की थी. नबाम तुकी को मुख्यमंत्री पद से हटाकर पेमा खांडू को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था. इसके बाद पार्टी के बागी विधायक भी साथ आ गये थे. राष्ट्रपति शासन लगाने में राज्यपाल राजखोवा की भूमिका पर सवाल खड़े हुए थे. उन्हें भी अब उनके पद से हटा दिया गया है.

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