धमकियों से डरे नहीं, तरुणा असवानी बनें
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: अमरीका में रहकर नौकरी करने वाली एक भारतीय लड़की ने ऑनलाइन ब्लैकमेलर को करारा जवाब दिया है. अमरीका में फिजियो थेरेपिस्ट 24 वर्षीय तरुणा असवानी ने वहां की जांच एजेंसी एफबीआई से पहले ही उस बदमाश को मजा चखा दिया है.
तरुणा असवानी को शुक्रवार को एक ईमेल मिला जिसमें उसे धमकी दी गई थी कि उसकी बेहद निजी और अंतरंग फोटो व वीडियो सार्वजनिक कर दिये जायेंगे. दरअसल, तरुणा ने पांच साल पहले अपने ब्यॉयफ्रेंड की ‘आईक्लाउड’ के माध्यम से भेजी थी. जिन्हें केवल वही देख सकता है.
तरुणा को धमकी भरा ईमेल केविन जॉन नाम के शख्स ने भेजी थी. जॉन ने तरुणा को धमकी दी, “यदि तुम चाहती हो कि मैं चुप रहूं और सोशल मीडिया, सहकर्मी, परिवार, दोस्त को इसके बारे में पता नहीं चले तो तुम्हें मेरी बात माननी होगी.” इसके साथ ही उसने तरुणा को अपना एक और अंतरंग वीडियो भेजने के लिये कहा.
तरुणा के पास यह जानने का कोई जरिया नहीं था कि वाकई में उस शख्स के पास उसकी तस्वीरें हैं भी या नहीं. तरुणा ने अमरीका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इंन्वेटिगेशन के साइबर क्राइम विभाग को ऑनलाइन शिकायत की.
इससे पहले की एफबीआई कोई कार्यवाही कर पाती उस बदमाश शख्स ने तरुणा को दूसरा ईमेल भेजा. इस बार उसने साथ में एक सूची भेजी जिसमें कई लोगों के फोन नंबर थे. जॉन ने धमकी दी कि उसकी बात न मानने पर तरुणा के अंतरंग फोटो इन नंबरों पर भेज दिये जायेंगे.
तरुणा के पास ज्यादा समय नहीं था. परन्तु उसने स्थिति का मुकाबला करने की ठानी. तरुणा ने भी उसी ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल किया जिसके माध्यम से उसे बदनाम करने की धमकी दी गई थी. तरुणा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर उस शख्स के ईमेल के साथ एक कड़ी पोस्ट डाली. उसके बाद तो तरुणा को वह पोस्ट वायरल हो गया.
तरुणा के पोस्ट को 44 हजार लोगों ने शेयर किया तथा उस पर 26 हजार कमेंट आये.
तरुणा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मेरा वीडियो चाहे जितनी भी शर्मिदगी भरा हो (ये मैंने बहुत पहले अपने ब्यॉयफ्रेंड को भेजी थीं) मैं इस आदमी की बात कतई नहीं मानूंगीं.”
तरुणा ने दूसरी लड़कियो तथा महिलाओं को आगाह करते हुये लिखा, “उसकी नाजायज मांगों को मानने की बजाय मैं इसके बारे में दूसरी महिलाओं को बताना बेहतर समझती हूं. ताकि वे इस तरह की धमकियों से न डरें और जीवन में ऐसी बातों से शर्मिंदा न हों.”
कहा जाता है कि जहां पर अत्याचार होता है उसका विरोध सबसे पहले वहीं से होना चाहिये, उसके बाद लोग उससे जुड़ते जाते हैं. तरुणा असवानी ने इसे सही साबित करके दिखा दिया है.