गिरफ्तार भारतीय RAW से नहीं
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि ब्लूचिस्तान में गिरफ्तार व्यक्ति रॉ से नहीं है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का अधिकारी होने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति से उसका कोई संबंध नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ” इस व्यक्ति ने भारतीय नौसेना से समय पूर्व अवकाश ग्रहण किया था. उसका सरकार से कोई संबंध नहीं है.”
प्रवक्ता ने कहा, “हम लोगों ने इच्छा जताई है कि इस व्यक्ति से हमारे वाणिज्य दूतावास के अधिकारी को मिलने दिया जाए. किसी देश के आंतरिक मामलों में दखल देने में भारत की कोई दिलचस्पी नहीं है. हम लोग दृढ़तापूर्वक विश्वास करते हैं कि शांतिपूर्ण और स्थिर पाकिस्तान इस क्षेत्र में सबके हित में है.”
प्रवक्ता ने यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को बुलाया और उनके समक्ष इस मुद्दे को उठाया.
उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनलिसिस विंग (रॉ) के एक कथित अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान ने भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावाले को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज किया.
वहीं, भारत ने गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से किसी भी तरह का संबंध होने से इंकार किया है. डान ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बलूचिस्तान में सुरक्षाबलों ने तीन दिन पहले छापेमारी के दौरान रॉ के एक कथित अधिकारी की गिरफ्तारी का दावा किया. इसके एक दिन बाद उच्चायुक्त को तलब किया गया.
‘न्यूज इंटरनेशनल’ ने रॉ के कथित अधिकारी की पहचान कुलभूषण यादव के रूप में की है, जिसके बारे में बताया गया है कि वह भारतीय नौसेना में कमांडर रैंक का अधिकारी है.
यह कहा गया है कि प्रारंभिक जांच के दौरान उसने कराची व बलूचिस्तान में अलगाववादियों, कट्टरवादियों व आतंकवादियों के संगठनों के साथ संबंधों को स्वीकार किया है.
विदेश कार्यालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विदेश सचिव एजाज चौधरी ने बंबावाले को तलब किया और गिरफ्तारी की जानकारी दी.
पाकिस्तानी सूत्रों ने कहा कि बलूचिस्तान व कराची में रॉ के अधिकारी की जासूसी की गतिविधियों पर चौधरी ने कड़ा विरोध दर्ज किया और कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है.
पाकिस्तानी मीडिया में कहा गया है कि पूछताछ के लिए कुलभूषण को इस्लामाबाद भेज दिया गया है, क्योंकि उस पर बलूचिस्तान में आतंकवाद की विभिन्न गतिविधियों व विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का शक है.