प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, लौटाने पड़ेंगे फीस के 54 करोड़
जबलपुर| डेस्कः मध्य प्रदेश के जबलपुर में 8 प्राइवेट स्कूलों को ज्यादा फीस लेना महंगा पड़ गया है.
जिला स्तरीय समिति ने इन स्कूलों पर दो-दो लाख रूपये का जुर्माना ठोका है.
इसके साथ ही फीस के रूप में अवैध रूप से वसूले गए 54 करोड़ 26 लाख रुपये बच्चों के अभिभावकों को लौटाने का आदेश दिया है.
फीस लौटाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है. प्रशासन की इस कार्रवाई से निजी स्कूल मालिकों में हड़कंप मच गया है.
यह कार्रवाई मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस एवं अन्य विषयों के विनियमन अधिनियम 2017 के तहत की गई है.
जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना है.
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त फीस तुरंत वापस की जानी चाहिए. इसका पालन नहीं करने पर सख्त दंड का प्रावधान है. इसी प्रकार के कुछ और स्कूलों की शिकायत है, उनकी भी जांच चल रही है.
इन स्कूलों पर कार्रवाई
प्रशासन को शिक्षा सत्र के शुरू में ही जबलपुर शहर की कुछ निजी स्कूलों में मनमानी तरीके से फीस बढ़ाने की शिकायत मिली थी.
इसके बाद प्रशासन ने अपने स्तर पर इसकी जांच कराई.
जांच में पाया गया कि शहर के माउंट लिटेराजी स्कूल, विजडम वैली स्कूल (शास्त्री नगर और कटंगा), स्प्रिंग डे स्कूल (आधारताल), अजय सत्य प्रकाश स्कूल (पनागर), सत्य प्रकाश स्कूल (पॉलीपाथर), क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल, सेंट एलॉयसियस स्कूल (पनागर) और सेंट जोसेफ स्कूल (टीएफआरआई) द्वारा अवैध रूप से फीस वसूला गया है.
30 दिनों में करें राशि जमा
इन स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने के संबंध में जिला प्रशासन को कोई जानकारी नहीं दी थी.
जिले की शिक्षा समिति को भी इसकी सूचना नहीं दी थी.
इसके बाद प्रशासन ने इन स्कूलों के द्वारा पूर्व के शैक्षणिक सत्रों में की गई फीस की बढ़ोतरी की कॉपी मंगवाई और जांच की.
जांच के बाद बढ़ी हुई फीस के स्ट्रक्चर को अवैध घोषित कर दिया.
प्रशासन ने अपने आदेश में सख्त निर्देश देते हुए इन स्कूलों से कहा है कि 74 हजार तीन सौ उनहत्तर बच्चों से जो अवैध रूप से 54 करोड़ 26 लाख रुपये वसूल किए हैं, उसे बच्चों के अभिभावकों को वापस किए जाएं.
उक्त रकम 30 दिनों के अंदर अभिभावकों के बैंक खातों में सीधे जमा करें.
वहीं जुर्माने की दो-दो लाख की रकम शिक्षण संचालनालय के बैंक खाते में जमा करेंगे.
11 स्कूलों पर पहले भी हुई कार्रवाई
जबलपुर जिला प्रशासन अवैध फीस वसूली के खिलाफ पहले से ही सख्त है.
इस कार्रवाई से पहले 11 अन्य स्कूलों पर भी कार्रवाई की थी.
जिला प्रशासन ने 27 मई 2024 को 11 स्कूलों के मालिकों को 81 करोड़ रुपये अभिभावकों को वापस करने आदेश दिए थे.
इसके बाद स्कूल प्रबंधनों ने इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.