पहले ही दिन से निर्णय-आनंदी बेन पटेल
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि मेरी सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता से किए संकल्पों को पूर्ण करने के लिए पहले दिन से ही निर्णय लेने की शुरूआत कर दी है. वे विधानसभा में आज अपना वक्तव्य प्रस्तुत कर रही थीं.
राज्यपाल ने कहा कि पं. जवाहरलाल नेहरू ने कहा था-‘आप दीवार के चित्रों को बदलकर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते.’ मेरी सरकार भारत की गरिमामय विरासत का सम्मान करते हुए कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरूप जनहित के नए इतिहास रचेगी.
राज्यपाल ने कहा कि नयी सरकार का गठन होते ही उसी दिन 17 दिसंबर 2018 को मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6 हजार 100 करोड़ से अधिक अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया. अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना-2018 के दिशा-निर्देश जारी किए गए, जिसके तहत छत्तीसगढ़ के सहकारी बैंकों एवं छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में समस्त किसानों का 30 नवम्बर 2018 तक का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया जाना है.
उन्होंने कहा कि ऋण माफी के निर्णय को अमलीजामा पहनाने के क्रम में पहले चरण में 10 दिनों के भीतर, लिंकिंग के तहत हुई धान खरीदी के एवज में 12 सौ 48 करोड़ रूपए की राशि 3 लाख 57 हजार किसानों के खाते में जमा कर दी गई है. आगामी चरणों में शेष प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी. राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबंधित अल्पकालीन कृषि ऋणों के परीक्षण उपरांत कार्यवाही शीघ्र की जाएगी.
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का मानना है कि किसानों की आर्थिक समृद्धि से ही ग्रामीण जन-जीवन में खुशहाली और विकास का रास्ता बनेगा. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आने से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था का पहिया तेजी से घूमेगा, इसलिए मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में ही वर्ष 2018-19 में 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर पर धान खरीदी का निर्णय भी लिया गया. धान की फसल छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है. उन्होंने कहा कि धान छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा और अस्मिता से जुड़ा हुआ है. धान खरीदी दर में यह ऐतिहासिक वृद्धि, जो देश में आज धान खरीदी की सर्वाधिक दर है, अपने-आप में एक बड़ा संदेश है कि मेरी सरकार किसानों के हित में बड़े से बड़ा निर्णय लेने के लिए सदैव सहर्ष तैयार रहेगी.
झीरम घाटी घटना को लेकर उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने यह महसूस किया था कि वर्ष 2013 में घटित झीरम घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण आदिवासी अंचलों में लोकतांत्रिक मूल्यों तथा कानून और व्यवस्था के प्रति आस्था को बड़ा धक्का लगा था. इस घटना में शहीद हुए नेताओं के परिवारों तथा जनसामान्य में इस बात को लेकर भी रोष था कि इतनी बड़ी घटना की समुचित जांच नहीं हो पाई है. इन परिस्थितियों को देखते हुए मेरी सरकार ने मंत्रि-परिषद् की पहली बैठक में ही झीरम घाटी घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच एस.आई.टी. से कराने का निर्णय लिया है.
बस्तर के लोहाण्डीगुड़ा में टाटा इस्पात संयंत्र द्वारा अधिग्रहित निजी भूमि लौटाने के निर्णय को लेकर उन्होंने कहा कि बस्तर के लोहाण्डीगुड़ा में एक दशक पहले टाटा इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए राज्य शासन द्वारा ग्रामीणों-किसानों की निजी भूमि अधिग्रहित की गई थी, जिसमें 10 गांवों (लोहण्डीगुड़ा तहसील के अन्तर्गत छिंदगांव, कुम्हली, धुरागांव, बेलियापाल, बडानजी, दाबपाल, बड़ेपरोदा, बेलर, सिरीसगुड़ा तथा तोकापाल तहसील के अन्तर्गत ग्राम ताकरागुड़ा) के 1700 से अधिक खातेदारों की 17 सौ हेक्टेयर से अधिक भूमि शामिल थी.
उन्होंने कहा कि दस साल बीत जाने पर भी टाटा द्वारा इस्पात संयंत्र लगाने में कोई रूचि नहीं ली गई, जिसके कारण ग्रामीणों और किसानों में निराशा उत्पन्न हो गई थी. मेरी सरकार ने इन ग्रामीणों-किसानों को उनकी भूमि लौटाने का फैसला किया है. मेरी सरकार ने बस्तर के जनजीवन में व्यवस्था के प्रति विश्वास पैदा करने का जो संकल्प लिया है, उसमें भूमि लौटाने का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
राज्यपाल ने कहा कि छोटे भूखण्डधारी, मध्यम तथा कमजोर तबकों के लोगों को उनके छोटे आकार के भूखण्ड की खरीदी-बिक्री को लेकर अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके कारण वे पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक समस्याओं से घिर गए थे. मेरी सरकार ने उनकी परेशानियों को गंभीरता से देखते हुए त्वरित कार्यवाही का निर्णय लिया और तत्काल राहत देने के लिए पांच डिसमिल से कम रकबे की खरीदी-बिक्री, नामांतरण-पंजीयन से रोक हटा दी है.
चिटफंड कम्पनियों के संचालकों तथा आर्थिक धोखाधड़ी में मुख्य भूमिका निभाने वाले महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही का दावा करते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनेक गृहस्थ और छोटे निवेशक चिटफंड कम्पनियों के जाल में फंस गए थे, जिनमें राज्य के अनेक युवा भी हैं जो रोजगार के लिए चिटफंड कम्पनियों के कुचक्र में फंस गए. मेरी सरकार, चिटफंड कम्पनियों के संचालकों तथा आर्थिक धोखाधड़ी में मुख्य भूमिका निभाने वाले महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेगी तथा निवेशकों की राशि लौटाने के लिए भी यथोचित कार्यवाही करेगी.
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पारम्परिक पहचान इसके समृद्ध, आत्मनिर्भर और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण, गौरवपूर्ण गांव एवं गांव आधारित संस्कृति, कला एवं शिल्प रहे हैं. छत्तीसगढ़ की प्रगति में केवल आधुनिक तकनीक ही नहीं, बल्कि परम्परागत कला, लोक ज्ञान एवं कौशल की भी महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए. मेरी सरकार ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’’ के संकल्प के साथ जनभागीदारीयुक्त समृद्ध गांव के सपने को पूरा करने के लिए कृत संकल्प है.
छत्तीसगढ़ सरकार के नारे को लेकर राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी’’ से गांवों के समग्र विकास की अवधारणा पर काम करेगी. मेरी सरकार प्रत्येक नाले (नरवा) का क्रमबद्ध संरक्षण एवं संवर्धन करते हुए गांवों में, गांवों के लिए वर्ष भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी. मनरेगा को इस अवधारणा से जोड़ने के सुसंगत कदम उठाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में गाय, भैंस, बकरी इत्यादि पशुधन की प्रचुर उपलब्धता है, जिनके सुचारू प्रबंधन, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आधारभूत संरचना निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है. इससे दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार जैसे कदमों से आर्थिक एवं क्रमागत उन्नति होगी. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में पशुधन के रख-रखाव के लिए विशिष्ट गौठान बनाने की पहल की जाएगी, जिसमें पशुओं के बैठने और संवर्धन एवं नस्ल सुधार की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. गाय के गोबर से खाद और गोबर गैस बनाने की योजना बनाई जाएगी. चरवाहा भाई-बहनों के सम्मान के लिए नई नीति बनाई जाएगी.
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कृषि भूमि में पोषक तत्वों की लगातार कमी न केवल चिन्ता का विषय है बल्कि इसमें त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता है. गौवंश की प्रचुरता को जैविक खाद के लिए आवश्यक संसाधन की तरह चिन्हांकित करते हुए मेरी सरकार प्रत्येक गांव के ‘‘घुरवा’’ (कम्पोस्टपिट) को जैविक खाद की लघु उत्पादक इकाइयों में बदलेगी.
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रत्येक किसान के पास छोटी-बड़ी बाड़ियाँ होती हैं. एक समय यह बाड़ियाँ कृषक परिवारों के लिए ताजी सब्जियों-भाजियों-फलों के द्वारा उनके भोजन में पोषक तत्वों का स्रोत थी साथ ही अतिरिक्त आमदनी का माध्यम भी थी. मेरी सरकार बाड़ियों को पुनजीर्वित करने की दिशा मंे समुचित कदम उठाएगी. राज्य के वन संसाधन, खनिज संसाधन, जल संसाधन, मानव संसाधन आदि का उपयोग राज्य के विकास तथा जनता के हित में करने के लिए मेरी सरकार सुसंगत उपाय करेगी.
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार एक ओर यहां भिलाई स्टील प्लांट जैसी विरासत पर गर्व करती है, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक विकास और सामाजिक सरोकार की घनिष्ठता का रिश्ता बनाए रखने की पक्षधर है. राज्य में उपलब्ध संसाधनों, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कौशल, स्थानीय आवश्यकताओं तथा व्यापक रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए औद्योगिक नीति में यथोचित संशोधन किये जाएंगे.
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि छोटी पूँजी वाली इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया जाएगा. कृषि तथा वनोपज के प्रसंस्करण के लिए ग्रामीण स्तर पर बड़ी संख्या में इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाएगा. राज्यपाल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सॉफ्टवेयर कौशल से युवाओं को जोड़ने की दिशा में तेजी से कदम उठाये जाएंगे ताकि नये जमाने की नई आवश्यकताओं के लिए राज्य की नई पीढ़ी तैयार रहे और इसे अपने स्वावलंबन का माध्यम बनाये.
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार जन स्वास्थ्य को उच्च प्राथमिकता देगी ताकि स्वस्थ मानव संसाधन को राज्य के विकास में सीधी भागीदारी दी जा सके. निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा जनता को उनके अधिकार की तरह प्राप्त हो यह सुनिश्चित किया जाएगा. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा का अधिकार, आवास का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, जल-जंगल-जमीन का अधिकार केवल कानून की पुस्तकों में न रहे बल्कि जनसशक्तीकरण का माध्यम बनें, इसके लिए समुचित कदम उठाये जाएंगे.
तेंदूपत्ता को लेकर उन्होंने कहा कि मेरी सरकार अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति के लोगों और उनकी बसाहटों में विशेष सुविधाएं देकर उनके तेजी से विकास की पक्षधर है. इस संबंध में नए निर्णयों की शुरूआत कर दी गई है. उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों तथा विभिन्न लघु वनोपजों से स्थानीय समुदायों की आमदनी में वृद्धि के लिए नए कदम उठाये जा रहे हैं, जिसके तहत प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रू. से बढ़ाकर 4000 रू. की जाएगी. लघु वनोपजों के लिए भी प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की जाएगी. हाथी तथा मानव द्वंद से होने वाली जनहानि की स्थिति में मुआवजा की राशि में वृद्धि की जाएगी. जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन हेतु हर संभव कदम उठाए जाएंगे.
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार अधोसंरचना विकास के लिए पिछड़े क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता देगी. सड़क, रेल, विमानन, डिजिटल, टेलीकॉम कनेक्टिविटी के माध्यम से पूरे राज्य को एक सूत्र में बांधा जाएगा. आवश्यकता तथा गुणवत्ता अधोसंरचना विकास परियोजनाओं का आधार बनेगी.
श्री पटेल ने कहा कि मेरी सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है तथा जलवायु परिवर्तन से लड़ने हेतु हर संभव उपाय करेगी. औद्योगिक विकास के साथ न्यूनतम कॉर्बन उत्सर्जन के लक्ष्य हासिल करने हेतु प्रयास करेगी. कृषि, वानिकी तथा नगरीय विकास को टिकाऊ विकास की दिशा देकर कॉर्बन न्यूट्रल व्यवस्था के श्रेष्ठ लक्ष्य प्राप्त करने हेतु कदम उठाएगी.
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को ग्रामीण विकास का केन्द्र बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इन संस्थाओं की स्वायत्तता का संरक्षण हो तथा यह सुशासन का माध्यम भी बनें.
श्रीमती पटेल ने कहा कि मेरी सरकार महिलाओं के स्वावलंबन, सम्मान और सुरक्षा से संबंधित विषयों के विभिन्न पहलुओं की क्रमवार समीक्षा करेगी तथा महिलाओं के अधिकार सम्मत समाधानों के लिए पहल करेगी.
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने पत्रकारों, वकीलों और डॉक्टरों के संरक्षण हेतु विशेष कानून बनाने का वायदा किया है. इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की घोषणा कर दी गई है. इस कानून का प्रारूप बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी. मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता उŸाम कानून और व्यवस्था बनाए रखना है. जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जिलों में क्राइम ब्रांच तथा स्पेशल अनुसंधान सेल को भंग कर दिया है. पुलिस की कार्यप्रणाली में निरन्तर सुधार किए जाएंगे.
श्रीमती पटेल ने कहा कि मेरी सरकार एक ओर जहां प्रदेश में विद्युत के उत्पादन, पारेषण तथा वितरण के सभी पहलुओं में सुधार की पहल करेगी. वहीं सुधार का लाभ सुसंगत बिजली बिल के रूप में आम उपभोक्ताओं को देगी.
राज्यपाल ने कहा कि हमारे लिए यह बड़े ही गर्व का विषय है कि जब देश के विभिन्न हिस्सों में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो रहीं थीं तब भी छत्तीसगढ़ साम्प्रदायिक सद्भाव का द्वीप बना रहा. इसके पीछे एक वजह तो संत कबीर दास, महाप्रभु वल्लभाचार्य, बाबा गुरू घासीदास, स्वामी विवेकानंद, माता राजमोहिनी देवी, रामेश्वर गहिरागुरू जैसे महान संतों का आशीर्वाद और प्रभाव है. वहीं दूसरी वजह आम जनता तथा जनप्रतिनिधियों की आपसी समझ तथा समरसता रही है. मेरी सरकार की एक बड़ी प्राथमिकता छत्तीसगढ़ में साम्प्रदायिक सौहार्द्र तथा समरसता की इस विरासत को कायम रखने की होगी.
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि मेरी सरकार नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए पीड़ित पक्षों से चर्चा करेगी. आदिवासी अंचलों में बुनियादी सुविधाएं जुटाने, लम्बित समस्याओं के निराकरण तथा स्थानीय जनता की सुविधा अनुरूप विकास तथा सुरक्षा का मार्ग अपनाएगी. स्थानीय आदिवासी लोगों के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी तथा निर्दाेष लोगों को राहत दिलाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार जनसुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए नयी प्रौद्योगिकी-सम्मत उपायों को प्रोत्साहित करेगी ताकि सेवाओं और सुविधाओं की अदायगी पारदर्शिता के साथ समयबद्ध रूप से हो सके तथा भ्रष्टाचार पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सकेगा.