वामपंथी उग्रवाद पर रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार-अमित शाह
रायपुर | संवाददाता: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मज़बूत रणनीति के साथ, रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए. उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक पूरे देश को नक्सलवाद से मुक्त करना है.
वे माओवाद की समस्या पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिनों की बैठक के सिलसिले में छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं. उन्होंने शनिवार की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत की.
अमित शाह ने कहा-“अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मज़बूत रणनीति के साथ, रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए.”
उन्होंने कहा-“हम सबका मानना है कि ये वामपंथी उग्रवाद हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. विगत चार दशक में वामपंथी उग्रवाद के कारण, करीब-करीब 17,000 लोगों की जान गई है. चाहे वो नक्सल आंदोलन से जुड़े हुए युवा हों या चाहे सुरक्षा बल के जवान हों चाहे आम नागरिक हों.”
अमित शाह ने कहा कि, “जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, हमने इस समस्या को चुनौती के रुप में स्वीकार किया है, दोनों दृष्टि से. एक तो जिनके हाथ में हथियार हैं, उनको हथियार छुड़ाने का प्रयास करना और नहीं छोड़ते हैं तो उनको एंगेज करना. और दूसरा इस क्षेत्र में विकास का जो अभाव दिखाई पड़ता था, व्यक्तिगत विकास, गांव का विकास और क्षेत्र के विकास, ये तीन स्तर पर पूरे क्षेत्र को विकास की दिशा में, पूरे देश के अनुरुप, एक स्तर पर लाना. और दोनों क्षेत्रों में, दोनों परिस्थितियों में बहुत अच्छा डेवलपमेंट हुआ है.”
उन्होंने कहा कि आज भारत सरकार बस्तर से बीजापुर, और दंतेवाड़ा से लेकर धमतरी तक पूरे क्षेत्र के विकास के लिए कटिबद्ध है और उसको वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने के लिए भी कटिबद्ध है.
अमित शाह ने दावा किया, “2022 में एक साल ऐसा आया कि जिसमें चार दशक में पहली बार, मृत्यु संख्या 100 से नीचे गई. 2014 से 2024 तक सबसे कम वामपंथी उग्रवादियों द्वारा की गई घटनाएं, दर्ज की गईं. टॉप 14 नक्सली लीडर को मारा गया. इसके अलावा हमने वामपंथी उग्रवाद की जगह, उसकी विचारधारा की जगह, विकास का विश्वास लोगों में जेनरेट करने में भी हमने सफलता प्राप्त की है.”
गृह मंत्री ने दावा किया, “हमने दो उद्देश्यों से काम किया. पहला नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रुल ऑफ लॉ स्टेब्लिश करने के लिए प्रयास करना और दूसरा, जो विनाश सृजित हुआ था, जिसके कारण सृजित हुई विकास की खाई को भर कर विकसित क्षेत्र बनाना. और मुझे हर्ष है कि ऐसे एरिया, कई राज्य, 2019 से 2024 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से, तमगे से मुक्त हुए हैं. बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मप्र और कमोबेश महाराष्ट्र भी, ये सारे राज्य, महाराष्ट्र का एक ज़िला छोड़ कर, नक्सल समस्या से मुक्त हुए हैं.”
उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2004 से 2014 तक माओवादी हिंसा की 16463 घटनाएं हुई थीं और 2014 से 2024 तक 7,744 घटनाएं हुईं. यानी इसमें 53 प्रतिशत की कमी आई. नागरिकों और सुरक्षाबलों की मृत्यु में पहले दस साल में 6617 मृत्यु हुई थी, अब उसमें 70 फीसदी कमी हो कर 2004 तक सीमित करने में हमें सफलता मिली. इसी तरह सुरक्षाबलों की मृत्यु 73 प्रतिशत की कमी और नागनिकों की कमी में 69 प्रतिशत की कमी आई है.
उन्होंने कहा- “मुझे विश्ववास है कि हमारी लड़ाई अंतिम चरण में पहुंची है. हमें देश को 2026 मार्च तक पूर्णतया नक्सल समस्या से मुक्त करना है.”
अमित शाह ने कहा-2010 में 107 ज़िले माओवाद प्रभावित थे. उससे कम हो कर अब 42 तक सिमट गए हैं. थानों की संख्या 456 थी, 100 नए थाने सृजित हुई. लेकिन अब माओवाद प्रभावित थानों की संख्या 171 तक सीमित हो गई है. इसी तरह 2010 के अधिकतम मृत्यु स्तर 1005 से घट कर 2023 में 138 तक सीमित हुई है.
उन्होंने कहा कि 2019 से अब तक 277 सीएपीएफ के नये कैंप बनाए गए. सिक्योरिटी वैक्यूम को भरने का काम किया गया.
अमित शाह ने कहा कि आज की मीटिंग में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कुछ फैसले लिए हैं. जो लोग वामपंथी उग्रवाद के लंबे समय के प्रभाव के कारण निरक्षर रह गए हैं, उनको साक्षर बनाया जाएगा. चाहे उनकी आयु कोई भी हो. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और भारत सरकार का गृह मंत्रालय एक अभियान चलाएगा.
गृह मंत्री ने कहा कि तेंदूपत्ता की खरीदी की पॉलिसी में भी हम परिवर्तन करेंगे और इसके साथ-साथ NIA के तर्ज पर SIA बनाकर इसे ताकतवर बनाएंगे. जो दोष सिद्धी का प्रमाण है उसे भी बढ़ाएंगे. गृहमंत्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सरेंडर पॉलिसी को भी अपडेट कर रही है, एक-दो महीने में इसकी घोषणा होगी.
अमित शाह ने कहा- “मेरी सभी वामपंथी उग्रवाद में लिप्त युवाओं से अपील है कि भारत सरकार आपके और आपके क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हथियार छोड़िए और एक नए युग का आगाज हुआ है, इसको आप सभी मजबूती दीजिए. मैं आशा करता हूं कि हमने जो लक्ष्य तय किया है उस लक्ष्य के अनुसार ही पूरे छत्तीसगढ़ और पूरे देश को हम नक्सलवाद की समस्या से मुक्त कराएंगे.”
गृहमंत्री ने माओवादी मोर्चे पर पर छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार आने के बाद में इन्होंने बड़ी शिद्दत से अच्छा काम किया है. देश की बात की जाए तो 90% हिस्सा छत्तीसगढ़ का है, जो नक्सल प्रभावित है. यहां 179 वामपंथी उग्रवादियों को न्यूट्रलाइज करने का काम अगस्त महीने तक हुआ है. 559 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 540 ने आत्मसमर्पण किया है. 46 नए फोर्स के कैंप स्थापित किए गए हैं.
अमित शाह ने कहा- हिड़मा के गांव में जाकर प्रदेश के गृहमंत्री उनका आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड देते हैं तो दिल्ली में बैठकर बहुत संतोष होता है.