गैंगस्टर अमन साहू का विधानसभा चुनाव लड़ना मुश्किल
रायपुर | संवाददाता: रायपुर जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिल कर काम करने वाला गैंगस्टर अमन साहू के लिए तकनीकी कारणों से फिलहाल झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ना मुश्किल है.
अमन साहू के वकील हेमंत कुमार ने शनिवार को रायपुर की अदालत में कहा है कि अमन झारखंड के बड़कागांव विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहता है. चुनाव का नामांकन दाखिल करने के लिए उसे झारखंड ले जाना होगा.
फिलहाल तो रायपुर की अदालत ने उसे 28 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
उसके विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए झारखंड भेजने पर अदालत ने कोई निर्णय नहीं लिया है.
चुनाव नहीं लड़ सकता अमन साहू
जन प्रतिनिधि क़ानून के अंतर्गत किसी आपराधिक मामले में दो साल या उससे अधिक की सज़ा होने पर कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता.
क़ानून ये भी है कि सज़ा ख़त्म होने के 6 साल बाद ही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है.
झारखंड के लातेहार ज़िले के बालूमाथ थाना कांड संख्या 152/20 में आरोपी अमन साहू को इसी साल 27 जून को अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी प्रणव कुमार की अदालत ने 3 साल का कारावास और पांच हज़ार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है.
ऐसे में जन प्रतिनिधि क़ानून के अंतर्गत अमन साहू चुनाव लड़ने के लिए अपात्र है.
हालांकि अमन साहू की ओर से 20 जुलाई को इस सज़ा के ख़िलाफ़ प्रधान सत्र न्यायाधीश की अदालत में क्रिमिनल अपील संख्या 40/ 2024 दायर की गई थी, जिसे 26 जुलाई को स्वीकार भी कर लिया गया था. लेकिन अदालत से इस मामले में कोई राहत नहीं मिली.
स्टे की अपील
रायपुर के अलावा शुक्रवार को अमन साहू के वकील की ओर से झारखंड के लातेहार के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में एक याचिका एमसीए संख्या 677/ 2024 दायर की गई है.
अदालत से यह मांग की गई है कि ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में इस मामले की अंतिम सुनवाई होने तक अमन साहू को सुनाई गई 3 साल की सज़ा पर, सीआरपीसी की धारा 389 (1) के तहत रोक लगा दी जाए.
अमन साहू के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल चुनाव लड़ना चाहता है और इस सज़ा के कारण वह इससे वंचित हो सकता है.
हालांकि लातेहार की अदालत में त्यौहार अवकाश के कारण इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी है. अदालत में इस मामले पर 24 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
रायपुर जेल में बंद है अमन साहू
झारखंड की जेल में बंद अमन साहू को पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ लाने के लिए चार बार वारंट जारी किया गया था. लेकिन हर बार वारंट जारी होते ही उसका जेल बदल जाता था. अब जा कर पांचवीं बार उसे इसी महीने की 14 तारीख़ को प्रोडक्शन वारंट पर छत्तीसगढ़ लाया गया, जहां सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया.
अदालत द्वारा उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा गया था. शनिवार को रिमांड ख़त्म होने के बाद उसे रायपुर की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 28 अक्टूबर तक के लिए जेल भेज दिया गया है.
असल में झारखंड में रंगदारी टैक्स वसूलने के लिए एके-47 के साथ चलने वाला, बेहद पतला-दुबला, 12वीं पास, मोबाइल दुकान चलाने वाला अमन साहू 17 साल की उम्र में ही रंगदारी वसूलने लगा था. झारखंड समेत अलग-अलग राज्यों में उसके ख़िलाफ़ 50 से अधिक मामले दर्ज हैं.
अमन साहू को 2019 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 29 सितंबर 2019 को वह हिरासत से फरार हो गया. लगभग तीन साल बाद, पुलिस ने उसे जुलाई 2022 में दोबारा गिरफ्तार किया. तब से वह झारखंड की जेल में है.
पुलिस का दावा है कि वह जेल से ही अपने गैंग को ऑपरेट करता है. आरोप है कि वह राजस्थान के अनूपगढ़ जिले की नई मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़साना के रहने वाले सुनील कुमार मीणा ऊर्फ मयंक सिंह के सहयोग से लारेंस विश्नोई से जुड़ा हुआ है. विश्नोई भी जेल में है.
इस साल जुलाई में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दिन दहाड़े बड़े कारोबारी प्रह्लाद अग्रवाल की गाड़ी पर गोली चलाई गई थी.
आरोप था कि लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग ने यह हमला करवाया है. इसी गैंग से जुड़े मयंक सिंह ने दो महीने पहले धमकी दी थी और कारोबारियों को चेतावनी दी थी कि बोर्ड ऑफ डायरेक्ट, टीम एंड फैमिली से बहुत जल्द एक आदमी कम कर दूँगा.
बाद में मयंक सिंह ने इस हमले की ज़िम्मेवारी लेते हुए एक मेल भी भेजा.