जीते जी किंवदंती बन गए थे अजीत जोगी
रायपुर | संवाददाता : अजीत जोगी जीते जी किंवदंती बन गए थे. वे हमेशा सर्वहारा वर्ग के हितों के लिए संघर्ष करते रहे. मंगलवार को विधानसभा में अजीत जोगी को याद करते हुये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये उद्गार व्यक्त किये.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वर्गीय अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मरवाही जैसे सुदूर अंचल से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होना उनकी जीजीविषा और सक्रियता का परिचायक है. वे चाहे सत्ता में या विपक्ष में रहे प्रदेश की राजनीति उनके इर्दगिर्द रही. श्री जोगी हमेशा कहते थे कि मैं सपनों का सौदागर हूं. उन्होंने विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना देखा था. वे हमेशा सर्वहारा वर्ग के हितों के लिए संघर्ष करते रहे.
भूपेश बगेल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दायित्व सम्हाला तब प्रदेश में सूखा पड़ा था. उन्होंने राजस्व और सूखा राहत विभाग का दायित्व मुझे सौंपा था. उस समय कोष खाली था. 15 लाख मजदूरों को लगातार काम देना और उनके भोजन की व्यवस्था करने की चुनौती थी. उनके नेतृत्व में यह काम सफलता पूर्वक किया गया. अच्छे वित्तीय प्रबंधन के साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव रखी जिसके कारण छत्तीसगढ़ के साथ गठित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ.
भूपेश बघेल ने कहा कि श्री जोगी की अंतिम इच्छा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को जिला बनाने की थी. यह कार्य भी 10 फरवरी को पूरा हुआ. इस कार्यक्रम में श्री जोगी भी उपस्थित थे, उन्होंने नये जिले के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी थी. उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से एक्सीडेंट के बाद भी मेडिकल साइंस को झुठला दिया और जीवन के अंतिम समय तक सक्रिय बने रहे. उन्होंने अपने जीवन में अनेक पदों पर कार्य किया उनके अनुभवों का लाभ छत्तीसगढ़ को मिला.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि श्री जोगी ने मुझे हमेशा सक्रिय रहने की सलाह दी थी. उनकी लेखनी, भाषण शैली और बातचीत की शैली विशिष्ट थी. वे बहुत सी भाषाओं के जानकार थे. उनका निधन छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है. श्री बघेल ने दिवंगत पूर्व मंत्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा अपने क्षेत्र के विकास के लिए चिंतित रहते थे. उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मंत्री के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं दी. भूपेश बघेल ने कहा कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला.
विधानसभा में पूर्व मंत्री बलिहार सिंह, श्रीमती रजनीगंधा देवी, छत्तीसगढ़ के शहीद जवान गणेश कुंजाम सहित सभी शहीद जवानों, नक्सल हिंसा में मृत जवानों और कोरोना से मृत लोगों को भी श्रद्धांजलि दी.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, केशव चंद्रा, अजय चंद्राकर, अमरजीत भगत, कवासी लखमा, मनोज मंडावी, बृजमोहन अग्रवाल, शैलेश पाण्डेय, डॉ. रमन सिंह, टीएस सिंहदेव, मोहम्मद अकबर, नारायण चंदेल, अमरजीत भगत, रविन्द्र चौबे ने भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी.