टाइटलर ने बताया अपने को बेकसूर
नई दिल्ली | संवाददाता: सिख दंगों में आरोपी कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर ने अपने उपर लगे आरोपों को झूठा करार दिया है. उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों में उनका कोई हाथ नहीं है. उन्हें अनावश्यक रुप से निशाना बनाया जा रहा है. टाइटलर ने कहा कि वे अदालत का सामना करने के लिये तैयार हैं.
टाइटलर पर आरोप है कि इंदिरा गांधी की हत्या के अगले दिन 1 नवंबर 1984 को पुलबंगश गुरुद्वारा के पास उन्होंने भड़काउ भाषण दिया, जिसके बाद भीड़ ने तीन सिखों की हत्या कर दी. टाइटलर पर दंगाई भीड़ के नेतृत्व का भी आरोप है.
1984 में तीन सिखों की हत्या से सबंधित इस मामले में 2005 में नानावटी कमीशन ने जगदीश टाइटलर का नाम लिया. इसके बाद सीबीआई ने टाइटलर के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस एफआईआर के कारण टाइटलर को केंद्रीय मंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
लेकिन सीबीआई ने 29 सितंबर 2007 में टाइटलर को क्लीन चिट देते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. सीबीआई का कहना था कि मामले का कथित मुख्य गवाह जसबीर सिंह लापता है. इसके बाद जसबीर सिंह ने दावा किया कि उससे कभी पूछताछ नहीं की गई है. इसके बाद अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.
इसके बाद एक बार फिर अप्रैल 2009 में सीबीआई ने टाइटलर के मामले में क्लीन चीट देते हुये अदालत से मामले को बंद करने की अपील की थी. सीबीआई का कहना था कि घटना के समय जगदीश टाइटलर तीन मूर्ति भवन में थे. इसके बाद सीबीआई की इस क्लोजर रिपोर्ट को अदालत ने स्वीकार कर लिया.
अदालत की इस मंजूरी के खिलाफ दंगा पीड़ितों ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध करते हुये फिर से जांच की मांग की थी. जिस पर बुधवार को कड़कड़डूमा अदालत ने अपनी मुहर लगा दी. अदालत ने सीबीआई को कहा है कि इस मामले में वह फिर से जांच करे.
अब इस मामले में टाइटलर ने कहा कि मुझ पर जो आरोप लगाये गये हैं, उनमें बाकी गवाहों की बात भी सुनी जाए. टाइटलर ने कहा कि इस मामले के एक ही गवाह सुरिंदर सिंह के दो हलफनामें क्यों हैं. टाइटलर ने कहा कि जब तक मेरा नाम 1984 के दंगों से साफ नहीं हो जाता, तब तक मैंने कोई भी पद नहीं लेने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि मुझे फंसाने की साजिश हो रही है, मैं बेकसूर हूं. उन्होंने कहा कि मैं सीबीआई को पूरा सहयोग करने के लिये तैयार हूं.