ओडिशा में बाढ़ का तांडव
भुवनेश्वर | एजेंसी: फेलिन के कारण आयी बाढ़ के कारण ओडिशा में बुधवार को लगातार तीसरे दिन हजारों लोग फंसे रहे. तूफान के कारण हुई भारी वर्षा के बाद राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है. हालात यह है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग छतों और ऊंचाई वाले अन्य जगहों पर डेरा डाले हुए हैं और स्वयंसेवी उन्हें भोजन एवं अन्य जरूरी सामान मुहैया करा रहे हैं.
अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ का पानी कई इलाकों में प्रवेश कर गया है, लेकिन बालेश्वर जिले में स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है.
इलाके में राहत एवं बचाव कार्यो की निगरानी करने वाले राजस्व संभागीय आयुक्त अरबिंद कुमार पाधी ने कहा, “हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं. नए इलाके बाढ़ की चपेट में नहीं आए हैं. बालेश्वर जिले में करीब 96000 बाढ़ प्रभावितों को राहत दी जा रही है.”
उन्होंने कहा, “जिले में बाढ़ से सात लाख लोग प्रभावित हैं और फंसे हुए लोगों की संख्या 12000 है.”
शनिवार रात ओडिशा तट पर पहुंचे चक्रवाती तूफान फेलिन के कारण भारी वर्षा हुई जिससे बालेश्वर, मयूरभंज, जाजपुर, क्योंझर और भद्रक जिलों में बाढ़ आ गई. इलाके की बड़ी और उसकी सहायक नदियों में उफान आ जाने से निचले इलाके डूब गए जिससे 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.
प्रभावित इलाकों में सेना, राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल, ओडिशा आपदा कार्रवाई बल और राज्य पुलिस लगातार राहत अभियान चला रही है.
सरकार ने दावा किया है कि बाढ़ का पानी उतर रहा है और प्रभावितों को राहत दी जा रही है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह दावा सत्य नहीं है.
बालेश्वर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों लोगों ने डेरा डाल रखा है. यहां एक महिला सुकांति टुडू ने बताया, “मैं यहां परिवार के साथ डेरा डाले हुए हूं. थोड़े से चावल के अलावा अधिकारियों ने हमें कुछ भी नहीं दिया है.”
उन्होंने आईएएनएस को बताया, “कुछ गैर सरकारी लोगों ने हमें भोजन मुहैया कराया है और हम उसी पर जिंदा हैं.”
राजमार्ग पर तीन दिनों से अपने परिवार के आठ सदस्यों के साथ डेरा डाले टुडू ने कहा कि उसका पूरा परिवार भूखा है और किसी को भी भर पेट भोजन नहीं मिल रहा है.
राज्य के पूर्व जल संसाधन मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी नेता बिजय मोहपात्रा ने कहा, “मैंने बालेश्वर जिले में एक दर्जन से ज्यादा गांवों का दौरा किया है. यह अचानक आई बाढ़ है. राज्य सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी. राज्य सरकार के पास पीड़ितों के लिए भोजन नहीं है. कई ऐसी जगहें हैं जहां तक सरकार का एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा है.”
उन्होंने कहा, “बड़ी संख्या में लोग तीन दिनों से भोजन-पानी के बगैर रह रहे हैं.”
मयूरभंज और खुर्दा जिलों में सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और राहत बंटवारे में अनियमितता का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को राहत सामग्री की लूट मचाने वाले लोगों के खिलाफ रासुका लगाने का आदेश दिया.