कबायलियों की शरण स्थली, अफगानिस्तान
इस्लामाबाद | एजेंसी: अफगानिस्तान पाकिस्तान के कबायलियों के लिये सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान इलाके के 6,000 से ज्यादा लोगों ने अफगानिस्तान में जाकर शरण ले रखी है. दरअसल, हाल में सेना द्वारा इस इलाके को निशाना बनाए जाने के कारण लोग पड़ोसी देश को ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं.
मिरानशाह के एक कबायली के हवाले से बताया गया है कि “संघ शासित कबायली क्षेत्र, फाटा के आंतरिक रूप से विस्थापित हजारों लोगों की दशा राहत शिविरों के अंदर और बाहर बेहद खराब है. इसे ध्यान में रखते हुए हमने अपने परिवार को निकट के बन्नू जिले के शिविर में रहने से ज्यादा बेहतर अफगानिस्तान जाना समझा, ताकि वहां लंबे समय तक ठहरा जा सके.”
अस्थिरता की वजह से कई परिवार सीमा पार कर फाटा के बगल में स्थित अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में चले गए हैं.
विस्थापितों में दक्षिणी वजीरिस्तान, कुर्रम और खैबर समेत पाकिस्तान के दूसरे कबायली लोग हैं. ये लोग पिछले सात सालों से बेहद बुरी परिस्थितियों में शिविरों में और शिविरों के बाहर रह रहे हैं.
तालिबान शूरा ने कबायलियों से कहा है कि वे खैबर पख्तूनख्वा के राहत शिविरों में आने के बजाय अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर जाएं.
अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच शुरू हुई लड़ाई के बाद से ही ये परिवार सीमा पार कर खोस्त जा रहे हैं.
अधिकारी ने कहा, “प्रांत की सरकार ने शरणार्थियों के लिए गुरबाज, नादिरशाह कोट, मंडोजयी और खोस्त के इस्माइल खेल जिले में जमीनें उपलब्ध कराई हैं. इसके अलावा, प्रांत की राजधानी में उनके लिए एक ठिकाना भी आरक्षित कर दिया गया है.”