आडवाणी पर संघ की खरी-खरी
नई दिल्ली | संवाददाता: एक तरफ भाजपा में आडवाणी को मनाने का सिलसिला जरुर चल रहा है लेकिन संघ ने साफ कर दिया है कि जो होना था, हो चुका. दूसरी ओर गुजरात के मुख्यरमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यदि उनसे कोई गलती हो गई है तो आडवाणी उन्हें माफ कर दें. मोदी ने कहा कि आडवाणी जी से फोन पर विस्तार से बात हुई, उनसे निर्णय बदलने के लिये मैंने आग्रह किया. मुझे आशा है कि वो लाखों कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करेंगे.
आडवाणी के इस्तीफे के अगले दिन मंगलवार को भाजपा मुख्यालय के पास के गोल चक्कर पर आडवाणी की चिट्ठी की पंक्तियों का पोस्टर बना कर लगा दिया गया है. इस पोस्टर में चिट्ठी का शीर्षक दिया गया है- बीजेपी का पर्दाफाश. ऐसे कुछ और पोस्टर दूसरे इलाकों में भी लगाये गये हैं.
इधर आरएसएस ने साफ कहा है कि आडवाणी का इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे जो नुकसान होना था वह हो चुका है. यदि वे मान जाते हैं तो ठीक है, नहीं तो पार्टी को आगे बढऩा चाहिए. विहिप ने भी लगभग ऐसी ही प्रतिक्रिया दी है. संघ का मानना है कि आडवाणी में अब वो बात नहीं है कि वह कुछ करिश्मा दिखा सकें. ऐसे में उनको और तवज्जो देने का जरुरत नहीं है.
दूसरी ओर संघ के वरिष्ठ नेता एमजी वैद्य ने कहा है कि आडवाणी का इस्तीफा स्तब्ध करने वाला है. उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि आडवाणी के समर्थक और कुछ अन्य नेता भी इस्तीफे दे सकते हैं.