निंदक मोदी को आडवाणी की हिदायत
नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस ‘एक दूसरे की आलोचना’ का दिन नहीं है. उनका ये बयान गुजरात के मुख्यमंत्री और पार्टी के चुनाव प्रचार समिति के चेयरमैन नरेंद्र मोदी के उस आक्रमक भाषण के बाद आया है जो उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भुज में दिया. इस भाषण में मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण को प्रेरणाहीन बताते हुए इसकी आलोचना की थी.
आडवाणी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने आवास पर ध्वाजारोहण कार्यक्रम के बाद कहा, “आज स्वतंत्रता दिवस है. एक-दूसरे की आलोचना किए बगैर लोगों को इस दिन यह याद रखना चाहिए कि भारत में असीम संभावनाएं हैं”. हालांकि आडवाणी ने अपनी टिप्पणी में नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया लेकिन मोदी ने कांग्रेस, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह पर जितनी आक्रामकता से हमला बोला है, उसके संदर्भ में इस बयान को देखा जा रहा है.
आडवाणी के इस बयान से एक बार फिर भाजपा की आंतरिक राजनीति सामने आती दिख रही है और ये स्पष्ट है कि उनके स्वतंत्रता दिवस पर यूपीए सरकार को घेरने के लिए दिखाए गए तीखे तेवरों को पार्टी का पूरा समर्थन नहीं मिला. उधर आडवाणी के इस बयान को शिवसेना से भी रजामंदी मिली है. पार्टी से सांसद संजय राउत ने कहा कि आडवाणी का अनुभव बेहद कीमती है, ऐसे में उनके इस बयान से हम इत्तेफाक रखते हैं.
उधर मोदी के तीखे तेवरों का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है. विदेश मँत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि मोदी क्या एक दिन भी आलोचना किए बगैर नहीं रह सकते हैं. पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर कहा है कि वह इस संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से पूरी तरह से सहमत हैं कि नरेंद्र मोदी सत्ता के भूखे व्यक्ति हैं और उनकी इस भूख की कोई सीमा नहीं है