बिलासपुर रेल जोन में जाती है हर दिन 1 की जान
रायपुर | संवाददाता: बिलासपुर रेलवे जोन की रेल पटरियों पर हर दिन एक व्यक्ति की मौत होती है. बिलासपुर रेलवे जोन की रेल पटरियों पर होने वाली मौतआंकड़ों के अनुसार पिछले तीन सालों में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई है.
मंगलवार को भी बिलासपुर के चुचुहियापारा ओवरब्रिज के नीचे मुकेश नेताम नामक युवक ने रेल पटरी पर सिर रख कर अपनी जान दे दी. मृतक जांजगीर-चांपा के आरसमेढ़ा का रहने वाला था. मरने से पहले उसने रेल टिकट पर ही सुसाइड नोट भी लिखा था.
पिछले तीन साल के आंकड़े बताते हैं कि देश भर में रेल दुर्घटनाओं, रेल फाटक पार करते समय हुये हादसे और आत्महत्या के विभिन्न मामलों में 49,790 लोग मारे गये हैं. रेल पटरियों पर मारे गये लोगों की सबसे अधिक संख्या उत्तर रेलवे की है. जहां पिछले तीन सालों में 7908 लोग मारे गये हैं.
बिलासपुर रेलवे ज़ोन यानी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि 2015 में इस रेलवे जोन में 322 लोग मारे गये थे, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 335 जा पहुंचा. इसके अगले साल यानी 2017 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेल पटरियों पर जिनकी जान गई, उनकी संख्या 364 पहुंच गई.
रेल पटरियों पर सबसे अधिक मौत उत्तर रेलवे में दर्ज की गई है. उत्तर रेलवे में 2015 में 2700, 2016 में 2753 और 2017 में 2455 लोग मारे गये. इसी तरह दक्षिण रेलवे में 2015 में 2079, 2016 में 2015 और 2017 में 2055 लोग मारे गये.
सबसे कम मौत की बात करें तो पश्चिम मध्य रेलवे में रेल पटरियों पर सबसे कम मौतें हुई हैं. 2015 में यहां 346 लोग मारे गये, जबकि 2016 में 342 लोग मारे गये. इसी तरह 2017 में यह आंकड़ा 324 रहा.