गुप्ता और गुप्ता के चक्कर में फिर टूटेगी आप?
नई दिल्ली | संवाददाता: आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिये सुशील गुप्ता, नारायण दास गुप्ता और संजय सिंह का नाम तय किया है. इन नामों के तय होने के बाद तय माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी में फिर से टूट हो सकती है.
सूत्रों का कहना है कि अपने बच्चों की कसम खा कर कांग्रेस की कभी मदद नहीं करने का दावा करने वाले पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने ही कांग्रेस से पिछले महीने पार्टी में पहुंचे लोगों को राज्यसभा का सदस्य बनाने का प्रस्ताव दिया था. दिलचस्प ये है कि जिस पार्टी में डॉ. कुमार विश्वास को राज्यसभा सदस्य बनाने के लिये सबसे अधिक जोर दिया गया था, उन्हें पार्टी ने अपनी बैठक में भी नहीं बुलाया.
आप के संस्थापक सदस्य और कवि कुमार विश्वास ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विश्वास ने तंज कसते हुए कहा है कि जिन लोगों ने लंबे समय से पार्टी में क्रांतिकारी काम किए हैं, उन्हें टिकट मिलने पर बधाई.
कुमार विश्वास ने संवाददाताओं से कहा-अरविंद की इच्छा के खिलाफ पार्टी में सांस लेना भी मुश्किल हैं. मैं बस यह कहना चाहता हूं कि आप अपने विधायकों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को कह दें कि शहीद तो कर दिया, शव के साथ छेड़छाड़ न करें. उन्होंने कहा- सबको लड़नी है, अपनी लड़ाई सबको लड़ने हैं, अपने युद्ध, चाहे राजा राम हों या गौतम बुद्ध। हम सबको अपने-अपने संघर्ष लड़ने हैं. आशा करता हूं पार्टी और आंदोलन के आदर्शों को आगे ले जाया जायेगा. कुमार विश्वास ने कहा कि अरविंद और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं. शानदार चयन किया गया और कार्यकर्ताओं की बात सुनी गयी.
बुधवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इन नामों की घोषणा की. सिसौदिया ने बताया कि तीन राज्यसभा सीटों के लिए संजय सिंह, सुशील गुप्ता, नारायण दास गुप्ता का नाम तय किया गया. उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर 18 नामों पर चर्चा हुई फिर 11 नामों पर गंभीरता से बात की गई. लेकिन किसी न किसी कारण से संजय सिंह को छोड़कर किसी अन्य नाम पर सहमति नहीं बन पाई. इस बैठक में संजय सिंह और कुमार विश्वास को नहीं बुलाया गया था. क्योंकि कुमार विश्वास ने राज्यसभा जाने के अपना दावा ठोका था और संजय सिंह के नाम पर चर्चा होनी थी.
एनडीटीवी के अनुसार सुशील गुप्ता दिल्ली के बड़े कारोबारी हैं. कुछ समय पहले तक कांग्रेस में थे लेकिन महीना भर पहले कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिया है. आप सूत्रों के मुताबिक सुशील गुप्ता के दिल्ली और खासतौर से हरियाणा में 25-30 स्कूल, कॉलेज और अस्पताल हैं. बीते काफ़ी समय से वो शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और चैरिटी भी कर रहे हैं. सूत्र ये भी बता रहे हैं कि सुशील गुप्ता का हरियाणा में अच्छा नेटवर्क है साथ ही वो वैश्य समाज में भी अच्छी साख रखते हैं जिससे पार्टी को हरियाणा में अपना बेस तैयार करने में मदद मिलेगी.
इसी तरह नवीन गुप्ता के बारे में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार गुप्ता पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और चार्टर्ड अकाउंटेंट की सबसे बड़ी संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट हैं. सूत्रों के मुताबिक नवीन गुप्ता बीते करीब डेढ़ साल से आम आदमी पार्टी का आयकर विभाग में केस संभाल रहे हैं.
आम आदमी पार्टी फिलहाल फंडिंग में गड़बड़ी के आरोप में आयकर विभाग का आदेश झेल रही है, जिसमें पार्टी को 30 करोड़ रुपये टैक्स देने का आदेश है. पार्टी के आला सूत्र बताते हैं कि किसी भी पार्टी को बड़े वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट की ज़रूरत होती है इसलिए पार्टी ने नवीन गुप्ता का नाम तय किया है.
पार्टी के इस निर्णय को लेकर सोशल मीडिया में भारी नाराजगी देखी जा रही है. पार्टी के पक्ष में बोलने वालों ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है. इधर कुमार विश्वास ने भी पार्टी के ताजा रुख पर कोई टिप्पणी नहीं की है.