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बस्तर से चुनाव लड़ेगी आप

रायपुर | समाचार डेस्क: दिल्ली में सफलता के बाद आप छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. छत्तीसगढ़ में आप की नजर जनजाति बहुल लोकसभा सीटों पर है. आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. देवेंद्र शर्मा ने इसी सिलसिले में बस्तर का दौरा किया है. बस्तर नक्सलवाद प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से डॉ. शर्मा के दौरे को गोपनीय रखा गया था.

भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने, महंगाई को नियंत्रित करने जैसे आम लोगों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुनाव लड़कर दिल्ली में सरकार बनाने जा रही आम आदमी पार्टी अपने अभियान को सिर्फ मेट्रो सिटी तक ही सीमित रखना नहीं चाहती. यही वजह है कि पार्टी छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.

आप के सदस्य डॉ. शर्मा अपने एक अन्य सहयोगी के साथ 20 दिसंबर को कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा व कोंटा विधानसभा क्षेत्रों के कुछ इलाकों का दौरा किया था. उनके इस गोपनीय दौरे की सूचना उनके लौट जाने के बाद दी गई है.

बताया गया है कि डॉ. शर्मा ने जनता की समस्याएं सुनीं. साथ ही बस्तर की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियां का भी जायजा लिया. ज्ञातव्य है कि बस्तर क्षेत्र में बस्तर व कांकेर दो जनजातीय लोकसभा सीटें आती हैं.

बस्तर क्षेत्र की राजनीतिक परिस्थितियां, नक्सलवाद की समस्या, क्षेत्र के विकास, आदिवासियों की आबादी, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन करना निस्संदेह आम आदमी पार्टी का आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व भाजपा को सीधे चुनौती देने जैसा है.

सूत्रों के अनुसार, शर्मा ने यह भी बताया कि पार्टी छत्तीसगढ़ में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन निर्णय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा. लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता डॉ. देवेन्द्र शर्मा का बस्तर दौरा इस बात का संकेत है कि लोकसभा का चुनाव बस्तर से लड़ा जा सकता है.

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में उन समस्याओं को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया जिससे जनता वास्तव में रोज-बरोज अपने जिंदगी में जूझ रही है. उनका दिल्ली विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र काफी मेहनत करके तैयार किया गया था.जिसका परिणाम चुनाव नतीजों में देखा जा सकता है.

आप द्वारा छत्तीसगढ़ में सबसे पहले बस्तर का दौरा करना इस बात का सबूत है कि वहां की समस्याओं को लेकर भविष्य में आंदोलन छेड़ा जा सकता है तथा आंदोलन से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग लोकसभा चुनाव में किया जायेगा. आप के इस पहल से भाजपा तथा कांग्रेस का चुनावी गणित दिल्ली के समान गड़बड़ा सकता है.

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