‘आप’ ने खुदरा में एफडीआई खारिज किया
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सोमवार को केजरीवाल द्वारा खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को दिल्ली में खारिज कर देने से भाजपा तथा कांग्रेस दोनों पशोपेश में है. आम आदमी पार्टी के दिल्ली सरकार के इस फैसले से राजनीतिक तथा औद्योगिक गलियारों की हवा गर्म हो गई है.
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार कांग्रेस के समर्थन पर टिकी हुई है. इसके बावजूद उसने केन्द्र की नीति के खिलाफ जाने का फैसला लिया है. वहीं अरविंद केजरीवाल सरकार को देशभर में मिलते जनसमर्थन से परेशान भाजपा के लिये और खतरा पैदा हो गया है. अब छोटे तथा मध्यम व्यापारी जो परंपरागत रूप से भाजपा के समर्थक रहें हैं अब अपना रूख आम आदमी पार्टी तरफ कर सकते हैं.
गौरतलब है कि ‘आप’की दिल्ली सरकार ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति वापस लेकर अपने चुनावी वादों को सोमवार को निभाया. अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पालिसी एंड प्रमोशन को चिठ्टी लिखकर अपने निर्णय से अवगत करा दिया है.
इस प्रकार दिल्ली ऐसा पहला राज्य हो गया है जिसने किराना क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने के बाद उसे वापस ले लिया. ज्ञात्वय रहे कि इससे पहले की शीला दीक्षित की दिल्ली सरकार ने इसकी अनुमति दी थी.
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति के लिये यह आवश्यक है कि राज्य सरकार इसके लिये राजी हो. अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “मैं मानता हूं कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई आने से उपभोक्ताओं के विकल्प में सुधार होगा. लेकिन
दुनिया भर के अनुभवों से पता चलता है कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार घटता है.” उन्होंने कहा, “अभी दिल्ली में जो स्थिति हम देखते हैं, व्यापक बेरोजगारी फैली हुई है. हम इस बेरोजगारी को और बढ़ाना नहीं चाहते.”
केजरीवाल सरकार के इस रुख पर उद्योग संघ, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने निराशा जताई है. फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, “भरोसेमंद वैकल्पिक रास्ते की खोज की कोशिश किए बिना इस तरह सीधे तौर पर नकार देने से राज्य में निवेश के माहौल पर बुरा असर पड़ेगा.”
बिड़ला ने कहा कि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई आने से खाद्य उत्पादों की बर्बादी रुकेगी, जिससे महंगाई कम होगी. उन्होंने साथ ही कहा कि एफडीआई पूंजी और प्रौद्योगिकी का वैकल्पिक स्रोत है. बिड़ला ने कहा कि बहु ब्रांड खुदरा स्टोर और किराना दुकान दोनों साथ-साथ चल सकते हैं.
इधर केजरीवाल ने कहा कि वह एफडीआई के विरुद्ध नहीं हैं, लेकिन इसे सेक्टर विशेष आधार पर अनुमति दी जानी चाहिए. गौरतलब रहे कि अरविंद केजरीवाल शुरु से ही इसका विरोध करते आये हैं तथा उनके चुनावी घोषणा पत्र में भी इस बात का वादा
किया गया था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार यदि सत्ता में आती है तो खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को खारिज कर दिया जायेगा.
वर्तमान नवउदारवाद के युग में इसे आम आदमी पार्टी का राजनीतिक साहस ही कहा जाना चाहिये कि उसने दिल्ली में वालमार्ट, कार्फू तथा टेस्को जैसे दैत्याकार कंपनियों के प्रवेश का रास्ता बंद कर दिया है.
बताया जा रहा है कि खुदरा किराना के क्षेत्र में यदि
विदेशी निवेश की अनुमति दे दी जाये तो इसका भारतीय मध्यम वर्ग पर बुरा असर पड़ेगा. वालमार्ट जैसी कंपनियों ने जिस भी देश में कदम रखा वहां पर बेरोजगारी को बढ़ावा दिया है. अमरीका के कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वालमार्ट के कारण ही अमरीका में बेरोजगारी बढ़ी है.
बहरहाल इसे आम आदमी पार्टी तथा अरविंद केजरीवाल का साहस कहना चाहिये कि उन्होंने लहरों के खिलाफ जाने का फैसला लिया है. इससे भारतीय कार्पोरेट घरानों का नाराज होना स्वभाविक है पर इसे आम व्यापारियों का विशेषकर दिल्ली के व्यापारियों का समर्थन अवश्य मिलेगा.
अपने इस निर्णय से आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वह आम आदमी के लिये ही सरकार चलाती है. इसी कारण उसने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की पुरानी अनुमति को वापस ले लिया है.