दिल्ली की तर्ज पर लड़ेंगे लोकसभा: आप
नई दिल्ली | संवाददाता: आप लोकसभा चुनाव में ज्यादातर राज्यों से अधिकतम उम्मीदवारों को चुनाव के मैदान में उतारेगी. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि ‘पीएम कौन होगा या नहीं होगा, यह पार्टी के लिए अभी अहमियत नहीं रखता. केजरीवाल आप के सबसे बड़े नेता हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है.’
इसी के साथ आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. आम आदमी पार्टी के प्रशांत भूषण ने प्रधानमंत्री की घोषणा के बारे में कहा कि इसका निर्णय लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लिया जायेगा. बावजूद इसके अटकलें लगाई जा रही है कि आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.
प्रशांत भूषण ने कहा है कि पार्टी ने पूरे देश से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. किस राज्य में कौन सी सीट पर चुनाव लड़ा जायेगा इसका फैसला आप के राज्य इकाई पर छोड़ दिया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि फरवरी के अंत तक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया जायेगा.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि लोकसभा का चुनाव दिल्ली की तर्ज पर लड़ा जायेगा. घोषणा पत्र स्थानीय स्तर पर किया जायेगा जिसमें पानी की समस्या तथा बिजली के बिल पर मुख्य रूप से घोषणा की जायेगी. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दावा किया कि ‘मोदी और राहुल के घाटे-मुनाफे से हमारी पार्टी को मतलब नहीं है. हम जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे.’
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी को आम जनता के मुद्दों को सूत्रबद्ध कर अपने घोषणा पत्र में शामिल करने का फायदा मिला है. दिल्ली की जनता ने कांग्रेस तथा भाजपा जैसी परंपरागत राजनीतिक दलों के बजाये आप को चुनाव में सफलता दिलाई है. दिल्ली में भाजपा से कम सीटें पाने के बावजूद आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है जिसने विश्वास मत तो हासिल किया है साथ ही विधानसभा में स्पीकर भी आप का ही विजयी हुआ है.
इस सफलता से उत्साहित आम आदमी पार्टी ने लोकसभा की अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की है कि आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री की दौड़ में भाजपा के नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के राहुल गांधी को टक्कर दे सकते हैं. दिल्ली की तर्ज पर लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कयास लगाये जा रहें हैं कि यदि लोकसभा चुनाव का नतीजा भी दिल्ली की तर्ज पर हुआ तो देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा.