रायपुर से बीजापुर तक सड़क निर्माण में गड़बड़ीः 7 निलंबित
रायपुर\बीजापुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गंगालूर से नेलशनार तक सड़क निर्माण में अनियमितता व भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है.
इस मामले में लोक निर्माण विभाग ने अनुविभागीय अधिकारी आर के सिन्हा व उपअभियंता जीएस कोडोपी को निलिंबत कर दिया है.
वहीं सेवानिवृत्त तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन अभियंता बीएल ध्रुव पर एफआईआर दर्ज कराने आदेश जारी किया गया है.
इसी तरह राजधानी रायपुर के मोवा ओवरब्रिज के डामरीकरण में बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद कार्यपालन अभियंता सहित पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया है.
बता दें कि बीजापुर की यह वही सड़क है जिसकी खबर बीजापुर के पत्रकार मुकेश चन्द्राकर ने दिखाई थी. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.
इस हत्याकांड के बाद राज्य सरकार ने घटिया सड़क निर्माण को लेकर जांच के निर्देश दिए थे.
बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर तक 54.40 किलोमीटर लंबाई की सड़क बनानी है.
इस सड़क के लिए 188 करोड़ रुपए जारी किया गया है, लेकिन सड़क निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखते हुए घटिया निर्माण किया जा रहा था.
इसकी शिकायत मिलने पर जब सरकार ने जांच करवाई तो वास्तव में गड़बड़ी के सबूत मिले हैं.
सड़क निर्माण कार्य में 29.00 किमी से 32.00 किमी और 50/10 तक कुल 4.20 किमी में कई जगह से डामर उखड़ गए हैं. वहीं पुल के एप्रोच में स्लैब की मोटाई भी कम पाई गई है.
इसके बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए बस्तर परिक्षेत्र, जगदलपुर के मुख्य अभियंता को मामले से जुड़े अफसरों पर एफआईआर दर्ज करने और विभाग को सूचना देने कहा है.
इस सड़क के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का टेंडर पहले ही निरस्त किया जा चुका है.
मोवा ओवरब्रिज गड़बड़ीः कार्यपालन अभियंता सहित 5 निलंबित
इधर राजधानी रायपुर के मोवा ओवरब्रिज के मरम्मत में घटिया डामरीकरण करने के कारण कार्यपालन अभियंता विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी रोशन कुमार साहू सहित तीन उपअभियंता राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज और तनमय गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है.
वहीं ठेकेदार केशवदास आर. जादवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
राजधानी रायपुर के मोवा ओवरब्रिज के डामर को उखाड़कर नया डामरीकरण कर मरम्मत का काम किया जा रहा था, लेकिन डामर मात्र 24 घंटे के अंदर ही उखड़ा शुरू हो गया था.
इस मार्ग पर गाड़ियों के गुजारते ही डामर के साथ गिट्टी उखड़ने लगी थी.
डामरीकरण में गुणवत्ता का थोड़ा भी ध्यान नहीं रखा गया था. जिसकी शिकायत के बाद उपमुख्यमंत्री अरूण साव खुद निरीक्षण करने पहुंचे थे.
निरीक्षण के दौरान कार्य में गड़बड़ी पाई गई थी.
इसके बाद लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता द्वारा केन्द्रीय गुणवत्ता एवं अनसंधान प्रयोगशाला में डामर की गुणवत्ता की जांच कराई गई थी.
जिसमें औसत बिटुमिन कंटेंट, कंबाइंड डेंसिटी मटेरियल के ग्रेडेशन मानक स्तर से कम पाई गई थी.