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दुर्ग के 3 पाकिस्तानी बने हिन्दुस्तानी

दुर्ग|संवाददाताः पाकिस्तान से छत्तीसगढ़ आकर दुर्ग जिले में रह रहे 3 पाकिस्तानियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत भारत की नागरिकता मिल गई है.

तीनों एक ही परिवार के हैं. करीब 17 साल के लंबे इंतजार के बाद इन लोगों को भारतीय नागरिकता मिली है.

दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने उन्हें नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपा है. इस पर तीनों ने प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ सरकार का आभार जताया है.

बताया गया कि रामी बाई, बेबी हर्षिता और मयंक कुमार साल 2007 में पाकिस्तान से भारत आए थे.

इसके बाद से तीनों दुर्ग में ही रह रहे हैं. पाकिस्तान से आने के बाद परिवार ने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था.

अब जाकर रामी बाई, बेबी हर्षिता और मयंक को भारत की नागरिकता मिली है. भारत की नागरिकता मिलने से परिवार काफी खुश है.

रामी देवी ने बताया कि वह दुर्ग की ही रहने वाली हैं. उनकी शादी पाकिस्तान में हुई थी. पति के देहांत के बाद साल 2007 में वह भारत वापस आ गईं थी.

सीएए से प्रक्रिया हुई आसान

इससे पहले भारत में नागरिकता पाने की प्रक्रिया काफी कठिन थी. कम से कम यहां 12 साल से ज्यादा का निवासी होना अनिवार्य था.

लेकिन अब सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) लागू होने के बाद यह प्रक्रिया काफी सरल हो गई है.

अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है. जिससे लोगों को काफी मदद मिली है.

बताया गया कि दुर्ग जिले में सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तानी हिन्दू रह रहे हैं. सभी ने भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया है.

सीएए के तहत 2014 से या इससे पहले से भारत में रह रहे पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

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