बस्तर में शव दफ़न विवाद पर बोले सीएम-धर्मांतरण मूल कारण
जगदलपुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को जगदलपुर प्रवास के दौरान बस्तर में शव दफन को लेकर बढ़ते विवाद पर कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र के लिए धर्मांतरण एक बड़ी समस्या हो गई है. इस वजह से शव दफन को लेकर लगातार दो समुदायों के बीच विवाद की स्थिति बन रही है. सीएम ने कहा कि धर्मांतरण रुकेगा तभी बस्तर में स्थिति सामान्य होगी. इसके लिए सरकार प्रयासरत है.
इधर मुख्यमंत्री के धर्मांतरण वाले बयान पर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने पलटवार किया है.
उन्होंने कहा है कि शव दफन जैसे मामले में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता बस्तर में लगातार विवाद खड़ाकर माहौल खराब कर रहे हैं. इस पर शासन-प्रशासन भी बीच का रास्ता निकालने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र से लेकर राज्य में भाजपा की सरकार है. ऐसे में सरकार को धर्मांतरण रोकना चाहिए, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है. बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए.
शव दफन को लेकर बढ़ा विवाद
दरअसल 30 दिसंबर 2024 को जगदलपुर में महिला के शव दफनाने को लेकर ईसाई और आदिवासी समाज के लोगों के बीच जमकर मारपीट हुई थी.
मारपीट में सरपंच सहित गांव के कई लोग घायल हो गए थे. इसके बाद वहां का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था. जिसे देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा था.
बाद में इस मामले को लेकर पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.
इसके बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया था. जिसके बाद से बस्तर में धर्मांतरण को लेकर तनातनी की स्थिति बनी हुई है.
परपा थाना क्षेत्र के ग्राम बड़ेबोदल की एक आदिवासी महिला ने धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म को अपना लिया था.
महिला की मौत होने पर उसके शव को गांव में ही दफ़न किया जा रहा था. जिसका गांव के कुछ लोगों ने विरोध करते हुए कहा था कि महिला ने ईसाई धर्म को अपना लिया था, इसलिए शव को ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया जाए. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था.
दर्जन भर से अधिक मामले आए सामने
गौरतलब है कि बस्तर जिले में ही बीते साल 2024 में शव दफन को लेकर हुए विवाद के एक दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके है.
जिसमें सबसे अधिक चित्रकोट विधानसभा के अंतर्गत क़ड़मा, परोदा, गड़िया, मारडूम, सिरिसगुड़ा , मावलीभाटा, मावलीपदर एराकोर्ट, भेजरीपदर, कोयनार के अलावा जगदलपुर विधानसभा के अंतर्गत मालगांव, नानगुर, इच्छापुर और अन्य गांव में भी शव दफन को लेकर कई बार हिंसात्मक घटनाएं हो चुकी है.
विवाद की स्थिति को देखते हुए कई दिनों तक शवों का अंतिम संस्कार करने में विलंब हुआ है.