बवाल के बाद मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द
रायपुर|संवाददाताः भाजपा मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर बवाल के बाद कई मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है. पार्टी के नेता ही नियुक्ति को लेकर सवाल खड़ा कर रहे थे कि नियमों को ताक पर रखकर नियुक्तियां की गई है.
कार्यकर्ताओं ने कई विधायकों पर आरोप लगाया था कि अपने लोगों को तरजीह देने के लिए जो सक्रिय सदस्य नहीं है उन्हें भी मंडल अध्यक्ष बना दिया गया है.
इस तरह पुनर्विचार समिति के पास 20 से अधिक जिलों से शिकायत आई है.
इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह की अनुशंसा पर संगठन मंत्री पवन साय ने नियुक्ति रद्द करने आदेश जारी किया है.
जारी आदेश के मुताबिक रायपुर ग्रामीण के माना मंडल, कवर्धा के पिपरिया मंडल, बिरगांव मंडल, धरसींवा मंडल, गरियाबंद मंडल और बस्तर के कई मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है.
रायपुर में विधायक के खिलाफ नारेबाजी
रायपुर के माना मंडल अध्यक्ष के चुनाव के दौरान भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में जमकर हंगामा हुआ था.
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिस भीमवंत निषाद को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है, वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आया है.
इसके बाद माना स्थित सामुदायिक भवन में तोड़फोड़ करते हुए कार्यकर्ताओं ने विधायक मोतीलाल साहू का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी भी की थी.
कई कार्यकर्ता भाजपा विधायक की गाड़ी के सामने लेट गए थे.
गरियाबंद में अंतिम समय में बदल दिया नाम
इसी तरह गरियाबंद मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी जमकर बवाल हुआ था.
यहां तो नाम ही बदल दिया गया था. पहले उमाशंकर को मंडल अध्यक्ष बनाया गया.
लेकिन अंतिम समय में भगवानों बेहेरा का नाम घोषित कर दिया गया.
जिससे माली समाज के नेताओं में नाराजगी है.
इस फैसले के खिलाफ बिंद्रानवागढ़ के नेता राजधानी रायपुर पहुंचकर नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाया था.
फिंगेश्वर में परिवारवाद का आरोप
फिंगेश्वर में मंजूलता हरित को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है. वह भाजपा के वरिष्ठ नेता भगवत हरित की बहू है.
मंजूलता के नाम का ऐलान होते ही बैठक में जमकर हंगामा मच गया था.
कार्यकर्ता मुकेश साहू के नाम की घोषणा का इंतजार कर रहे थे.
नाराज कार्यकर्ताओं ने यहां परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
इसी तरह और कई जगहों पर नियुक्ति को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई तक की घटना हुई है.
समिति फिर से विचार करेगी-उपासने
पुनर्विचार समिति के सहसंयोजक सच्चिदानंद उपासने ने बताया कि जहां बड़ी गड़बड़ी हुई है, वहां नियुक्ति रद्द की गई है. अब इस पर समिति फिर से विचार करेंगी.
27 दिसंबर को प्रदेश कार्यालय में बैठक बुलाई गई है, जिसमें जहां-जहां से शिकायत मिली है उस पर चर्चा की जाएगी.
उन्होंने बताया कि बैठक में शिकायतकर्ता को भी बुलाया गया है. जितनी भी नियुक्ति रद्द हुई है उसमें सुनवाई के बाद ही फैसला होगा.
24 घंटे में कर लिया जाएगा समाधान- किरणदेव
इस मामले में गुरुवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरणदेव के कहा है कि जहां भी विवाद हुआ है, वहां उसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. मंडल अध्यक्षों का चुनाव सभी के राय और सहमति से हुआ है.
उन्होंने कहा कि पार्टी में 477 मंडल है. इतना पड़ा परिवार होने के कारण कुछ जगहों पर परेशानी आती है. आगे संगठन के नेतागण बैठकर समन्वय स्थापित करके जो अच्छा होगा, पार्टी के हित में होगा वह निर्णय लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस मामले का समाधान 24 घंटे के भीतर कर लिया जाएगा. 30 तारीख तक मंडल और जिला अध्यक्षों की घोषणा करनी है वह निश्चित समय अवधि में कर लिया जाएगा.