मध्यान्ह भोजन की थाली से सोया दूध और बड़ी गायब
कवर्धा | संवाददादाः छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पांचवीं से आठवीं तक के स्कूली बच्चों की मध्यान्ह भोजन की थाली से सोया दूध और सोया बड़ी गायब है. स्कूलों में समय पर दूध और बड़ी की सप्लाई नहीं होने से जिले के लगभग 1.10 लाख छात्र-छात्राएं इसका लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं.
बीज निगम की लापरवाही के चलते पीछे 6-7 महीने से यह गड़बड़ी हो रही है. जिसके चलते बच्चों को सोया दूध और बड़ी समय पर परोसा ही नहीं जा रहा है. जबकि नियम के तहत महीने के पहले सप्ताह में इसे बांटा जाना तय किया गया है.
उधर विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर से स्कूलों में इसकी सप्लाई होती है. इसके सप्लाई की जिम्मेदारी बीज निगम की है. उनके द्वारा सिर्फ सामान भेजने की सूचना दी जाती है.
सरकार ने तय किया है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए मध्यान्ह भोजन के साथ सोया दूध और सोया बड़ी देना है.
पहली कक्षा से 8वीं तक के बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ सप्ताह में एक दिन सोया दूध और बड़ी परोसा जाना है.
इसके लिए सोया दूध और बड़ी सप्लाई की जिम्मेदारी बीज निगम को सौंपा गया है. लेकिन पिछले 6-7 माह से बीज निगम द्वारा लापरवाही बरते हुए समय पर सामान ही नहीं पहुंचाया जा रहा है.
कवर्धा में 1.10 लाख बच्चे अध्ययनरत
कबीरधाम जिले में कुल 1477 स्कूल संचालित है. जिसमें 983 प्राथमिक और 497 पूर्व माध्यमिक शाला है.
इन स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर 8वीं तक 1.10 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं.
इन स्कूलों में हर महीने की 10 तारीख से पहले तक सोया दूध और बड़ी पहुंच जानी चाहिए. लेकिन पिछले 6-7 माह से ऐसा नहीं हो रहा है.
दिसंबर माह का सोया दूध और बड़ी को 23 दिसंबर को संकुलों में पहुंचाई गई है.
अब संकुलों से इसे स्कूलों में पहुंचाने के लिए कम से कम 3-4 दिन लगेंगे. जबकि 24 से 29 दिसंबर तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश है.
ऐसे में तो पूरा महीना ही खत्म हो जाएगा. इससे पहले जुलाई में 25 तारीख तो अगस्त माह में 15 तारीख के बाद भेजे गए.
किसी भी माह में 10 तारीख से पहले इसकी सप्लाई नहीं हो रही है.
15 ग्राम दूध और 140 ग्राम बड़ी देना तय
स्कूलों में सोया दूध और बड़ी की सप्लाई शासन स्तर पर होती है.
कक्षा पहली से लेकर 8वीं तक के बच्चों की दर्ज संख्या के हिसाब से स्कूलों में इसकी सप्लाई की जाती है.
सरकारी माप दंड के अनुसार सप्ताह में प्रति बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ 15 ग्राम सोया दूध और 140 ग्राम सोया बड़ी देना है.
इसके लिए सरकार द्वारा मध्यान्ह भोजन के लिए पहली से लेकर पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए 5 रुपए 69 पैसे प्रति छात्र के हिसाब से कुकिंग कास्ट निर्धारित है.
वहीं छठवीं से लेकर आठवीं के बच्चों के लिए 8 रुपये 17 पैसे प्रति छात्र राशि तय की गई है.