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आश्रम के बाद अब पोटाकेबिन की छात्रा की मौत

बीजापुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बीजापुर के धनोरा आश्रम में फूट पॉइजनिंग से एक छात्रा की मौत के बाद अब बीजापुर के ही पोटाकेबिन में रहकर पढ़ाई करने वाली एक छात्रा की मौत हो गई है. छात्रा कक्षा 10वीं में पढ़ती थी. छात्रा की तबीयत बिगड़ने पर जगदलपुर मेकाज ले जाया जा रहा था लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया.

इस संबंध में डीईओ, लखन लाल धनेलिया ने बताया कि छात्रा बार-बार बीमार पड़ रही थी. पहली बार तबीयत बिगड़ने पर उसे नैमेड़ अस्पताल में उपचार कराया गया था. इसके बाद जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां उसे सिकलिंग और खून की कमी की समस्या बताई गई थी. परिजनों ने उसे घर ले जाने के लिए आवेदन दिया था. उसके बाद छात्रा को परिजनों के साथ घर भेज दिया गया था.

बताया गया कि छात्रा विमला कवासी की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी.

पहले भी उसे हॉस्टल वार्डन ने अस्पताल में भर्ती करवाया था.

तीन दिन अस्पताल में भर्ती कर इलाज करने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.

कुछ दिन ठीक रहने के बाद 28 नवंबर को अचानक छात्रा की तबीयत फिर बिगड़ गई. तत्काल उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

परिजनों को भी इसकी जानकारी देने पर वे भी अस्पताल पहुंचे थे.

स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उसे 4 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी देने के बाद परिजन उसे अपने साथ घर ले गए थे.

बताया गया कि 12 दिसंबर को फिर से छात्रा की तबीयत बिगड़ी.

परिजन उसे जिला अस्पताल ले कर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए जगदलपुर मेकाज रेफर कर दिया.

परिजन 108 एंबुलेंस से जगदलपुर ले जा रहे थे, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही छात्रा ने दम तोड़ दिया.

दरअसल दो दिन पहले ही बीजापुर जिले की माता रुक्मणी बालिका आश्रम धनोरा में फूट पॉइजनिंग की शिकार एक छात्रा की मौत हो गई थी. जबकि अभी भी 35 छात्राएं बीमार हैं. इनमें से 12 की हालत गंभीर है, जिसे देखते हुए उन्हें आईसीयू में रखा गया है. यहां के बच्चे खाने में पनीर की सब्जी और पूड़ी खाए थे.

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