छत्तीसगढ़ वन विभाग के बजट में केंद्र ने की भारी कटौती
रायपुर | संवाददाता : केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु विभाग ने छत्तीसगढ़ को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए जारी धनराशि में भारी कटौती की है. रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पूछे गये सवाल के जवाब में यह तथ्य सामने आया है.
लोकसभा में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तवर्धन सिंह ने बताया कि 2021-22 में केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को मिला कर 2021-22 में 19.64 करोड़ की रकम दी गई थी.
लेकिन अगले साल यानी 2022-23 में यह रकम मात्र 2.70 करोड़ रह गई. हालांकि अगले साल यानी 2023-24 में छत्तीसगढ़ को केवल 5 करोड़ रुपये जारी किए गए.
2022-23 में ग्रीन इंडिया मिशन, जलीय पारिस्थतिकी तंत्र का संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, दावानल निवारण एवं प्रबंधन प्रणाली और हाथी परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को फूटी कौड़ी नहीं दी.
जलीय पारिस्थतिकी तंत्र का संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण के मद में तो केंद्र सरकार ने पिछले तीन सालों से एक पैसा नहीं दिया है.
ग्रीन इंडिया मिशन के लिए 2021-22 में केंद्र ने छत्तीसगढ़ को 11.68 करोड़ रुपये दिए थे लेकिन अगले साल कोई रकम नहीं दी. 2023-24 में केंद्र सरकार ने केवल 9 लाख रुपये दिए.
इसी तरह जंगल में लगने वाली आग को बुझाने और उसके प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार ने 2021-22 में 1.40 करोड़ की रकम दी थी. अगले साल कोई रकम नहीं दी गई और 2023-24 में महज 82 लाख रुपये राज्य को दिए गए.
वन्यजीव पर्यावासों का विकास के मद में केंद्र सरकार ने राज्य को 2.75 करोड़ रुपये 2021-22 में दिए थे. 2022-23 में यह रकम 1.04 करोड़ और 2023-24 में 1.16 करोड़ रह गया.
हाथी परियोजना के लिए 2021-22 में 25 लाख रुपये छत्तीसगढ़ को जारी किए गये थे. लेकिन अगले साल राज्य को पैसा ही नहीं दिया गया.
इसी तरह बाघ परियोजना के लिए 2021-22 में राज्य को केवल 3.56 करोड़ दिए गए. अगले साल यानी 2022-23 में यह रकम घटा कर 1.66 करोड़ कर दी गई. हालत ये है कि 2023-24 में हाथी परियोजना और बाघ परियोजना की रकम संयुक्त तौर से दी गई और फिर भी यह रकम 2.93 करोड़ ही थी.
एक अन्य सवाल के जवाब में वन राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि 2024-25 में छत्तीसगढ़ को कैंपा मद से 19.74 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं.