थाने में युवक की मौत, थाना प्रभारी और सिपाही निलंबित
बलरामपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर थाने के भीतर युवक की फांसी से मौत के मामले में विवाद के बाद थाना प्रभारी और एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है.
मृतक के परिजनों ने तीन दिनों तक पुलिस द्वारा मारपीट और फिर हत्या कर के युवक को फांसी पर लटका देने का आरोप लगाया है.
गौरतलब है कि पिछले महीने की 29 तारीख़ को एक विवाहित महिला के गुम होने की रिपोर्ट बलरामपुर थाने में दर्ज की गई थी. इस मामले में महिला के पति 30 साल के गुरु चंद मंडल, जो स्वास्थ्य विभाग में भृत्य के पद पर कार्यरत है, उसे हर दिन पुलिस थाने बुला कर पूछताछ कर रही थी.
परिजनों का आरोप है कि परिवार के पुरुष सदस्यों की पुलिस ने जम कर पिटाई की. इसके बाद गुरुवार को भी पुलिस ने गुरु चंद मंडल को कथित पूछताछ के नाम पर बुलाया. परिजनों का आरोप है कि उसे पीट-पीट कर पुलिसकर्मियों ने मार डाला और फिर उसका शव थाने के शौचालय में गमछे से लटका दिया.
घटना की खबर मिलने के बाद गुरुवार की शाम को आक्रोशित भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया और थाने में भी पथराव किया था. भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और अश्रुगैस के गोले भी छोड़े.
अब मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद रूसिया और आरक्षक अजय यादव को निलंबित कर दिया है.
बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक ने थाना में संदेही को रखने और पूछताछ के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी और आरक्षक को निलंबित करने के निर्देश जारी किए हैं.
पुलिस के साथ मारपीट
शुक्रवार को भी पुलिस से नाराजगी उस समय नज़र आई, जब पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव गृहग्राम के लिए रवाना किया जा रहा था.
इस दौरान नाराज़ भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और धक्का मुक्की की.
भीड़ को नियंत्रित कर रही एएसपी निमिषा पांडे ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की और मारपीट की कोशिश की गई.
भीड़ में शामिल महिलाओं का आरोप था कि पुलिस ने पीट-पीट कर युवक को मार डाला.