कूनो चीता प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच शुरू, केन्द्र ने मांगी रिपोर्ट
भोपाल|डेस्कः कूनो नेशनल पार्क में संचालित चीता प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों की शिकायत पर केन्द्र ने मध्य प्रदेश के वन विभाग से जवाब मांगा है. इस मामले में मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य सन संरक्षक वन्यजीव व्ही एन अम्बाड़े ने संचालक सिंह परियोजना शिवपुरी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि मामले की जांच कर सात दिन में प्रतिवेदन भेजें.
मूलतः छत्तीसगढ़ के निवासी, वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने इस संबंध में केन्द्रीय वन मंत्री, सचिव पर्यावरण विभाग, सदस्य सचिव एनटीसीए को पत्र लिखकर शिकायत की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कूनो के अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.
उन्होंने कहा था कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों को 110 बार ट्रैंकुलाइज किया गया. जिसके कारण चीता पवन की मौत होने की भी आशंका जताई थी.
टैंकुलाइज करने के लिए सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू से अनुमति भी नहीं ली गई थी. जबकि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत यह कार्य बिना अनुमति के गैरकानूनी है.
इसके अलावा कूनो में कोई रिकॉर्ड भी संधारित नहीं किया गया है.
अजय दुबे ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि मृत चीतों के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी नहीं कराई गई थी. जबकि एनटीसीए एसओपी के अनुसार वीडियोग्राफी अनिवार्य है.
चीतों के शावकों में परजीवी यानी टिक्स पाए गए, जो चीतों और शावकों की देखरेख पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने इस मामले में एसआईटी गठित करने की मांग की थी.
कूनो में बढ़ने वाला है चीतों का कुनबा
इन शिकायतों और जांच के बीच वन विभाग ने दावा किया है कि वहां की एक मादा चीता गर्भवती है और बहुत जल्द वह शावकों को जन्म देने वाली है.
इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गर्भवती मादा चीता की फोटो के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की है.
सीएम ने फोटो में मादा चीता का नाम नहीं लिखा है लेकिन फोटो में चीता वीरा लग रही है, जिसे ग्वालियर से पकड़कर लाया गया था.
बताया गया कि पार्क में इस वक्त वीरा के अलावा निर्भा और धीरा तीन मादा चीता हैं. तीनों अभी तक मां नहीं बनी हैं.