फर्जी मस्टररोल से दिया घोटाले को अंजाम
कोंडागांव | संवाददाता: कोंडागांव जिले के विश्रामपुरी तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मारंगपुरी में 2008 में 4.98 रू की लागत से कराये तालाब निर्माण मे फर्जी मस्टररोल की मदद से फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है.
पंचायत के सरपंच प्रभुलाल मरकाम एवं वार्ड पंच छबीला मरकाम, साधूराम मरकाम और कुछ अन्य ग्रामीणों ने कोडागाव कलेक्टर से शिकायत की है कि वर्ष 2008-09 में ग्राम पंचायत के द्वारा करवाए तालाब निर्माण के कार्य में वहां पदस्थ तत्कालीन सचिव मंगतूराम ने बड़े पैमाने पर फर्जी मस्टररोल के जरिए गड़बड़ी की थी.
ग्रामीणों का कहना है कि सचिव के द्वारा तालाब निर्माण में एक जेसीबी एवं छ: ट्रेक्टर लगाया गया था जहां राशि आहरण के लिए फर्जी मस्टररोल बनाया गया.
मस्टररोल में पढ़े-लिखे लोगों का अगूंठा निशान लगाया गया है. इलाके के सम्पन्न लोगों जिसमें किराना व्यवसायी तथा परिवहन व्यवसायी भी शामिल हैं उनका नाम भी मस्टररोल में मजदूरी करने वालों की जगह लिखा हुआ है.
इलाके के संपन्न व्यवसायी मेधनाथ उनकी पत्नि गौरीबाई पुत्र रमेश्वर यशवंत एवं गल्ला व्यवसायी गोवर्धन प्रेमकुमार महेश तथा उनके पुरे परिवार का नाम मस्टररोल में चढ़ा दिया गया है. वहीं श्यामलाल ने बताया कि वह तक दसवीं तक पढ़ा है. वह कभी तालाब में मजदूरी करने भी नहीं गया कितु उसके नाम पर पढ़े लिखे होने के बावजूद अंगूठा निशान लगाकर पैसा निकाला गया है.
इसके अलावा एक शिकायतकर्ता धनबाई ने बताया कि वह ग्राम पंचायत मारंगपुरी में गुडरीपारा में आंगनबाड़ी सहायिका पद पर पदस्थ है लेकिन उसके नाम पर भी मजदूरी किया जाना बताकर अंगूठा निशान लगाकर फर्जी मस्टररोल में नाम दर्ज किया गया है, जिसका उसने ग्रामीणों की बैठक में विरोध किया तथा इसकी जांच की मांग की है.
इस मामले के बारे में सीईओ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोडागांव बीपी राज्ञे ने बताया कि मामले की शिकायत मिली है, जिसकी जांच अनुविभागीय अधिकारी दडाधिकारी केशकाल के द्वारा की जा रही है. वहीं अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि पहले ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग एसडीओ के द्वारा तकनीकी जांच की जावेगी तपश्चात जांच प्रक्रिया अलग से होगी.