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महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदे

मुंबई| डेस्कः महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवाल ने शुक्रवार को मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी. उनके साथ विधायक हीरामन खोसकर भी कूद गए. हालांकि भवन में सुरक्षा जाली होने की वजह से दोनों की जान बच गई. दोनों नेता सेफ्टी नेट में फंस गए और नीचे फर्श पर गिरने से बच गए.

दोनों नेताओं को पुलिस ने बाहर निकाला. यह घटना कैमरे में कैद हो गई है और अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के कुछ आदिवासी विधायक डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवाल के साथ मिलकर आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे थे.

नरहरी झिरवल धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) कोटे से आरक्षण देने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. वे अपनी ही सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.

इन विधायकों की मांग है कि धनगरों को आदिवासी आरक्षण में कोटा नहीं दिया जाए. उनके लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जाए.

सीएम शिंदे से मिलकर निकले और लगा दी छलांग

इस मामले को लेकर झिरवाल के साथ कुछ आदिवासी विधायकों ने शुक्रवार 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की.

नेताओं ने मांग की है कि आदिवासी आरक्षण में किसी अन्य जाति को शामिल नहीं किया जाए.

कहा जा रहा कि इस संबंध में सीएम एकनाथ शिंदे से उनकी बात नहीं बनी. जिस वजह से नेता काफी नाराज थे.

सीएम से मिलने के एक घंटे बाद ही उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी.

बताया जा रहा है कि इस दौरान झिरवाल और खोसकर ने आदिवासी समुदाय के समर्थन में नारे भी लगाए.

जिस समय यह घटना घटी, उस समय मंत्रालय में राज्य कैबिनेट की बैठक चल रही थी.

ऊंचाई से गिरने के कारण झिरवाल की गर्दन पर चोट आई है.

उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया है. उनकी जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम को तत्काल मंत्रालय बुलाया गया.

घटना की खबर लगते ही मंत्रालय में अफरा-तफरी मच गई.

धनगर समाज कर रहा है एसटी में शामिल करने की मांग

धनगर समाज चरवाहा समुदाय से आते हैं. यह समाज खुद को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है.

इस समुदाय का कहना है कि उन्हें आरक्षण से वंचित होना पड़ रहा है. क्योंकि केन्द्र के डेटाबेस में धनगर का कोई उल्लेख नहीं है. जबकि एससी के रूप में उनकी पहचान की गई है.

वर्तमान में धनगर घुमंतू जनजातियों की सूची में है.

इस संबंध में हाल ही में राज्य मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार यह तय करने के लिए तीन आईएएस अधिकारियों सहित एक पैनल गठित करेगी कि क्या धनगर और घनगड़ एक ही समुदाय के अलग-अलग नाम हैं.

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