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अब ईरान कर सकता है इसराइल पर हमला

नई दिल्ली | डेस्क: अमरीका ने कहा है कि नसरल्लाह की हत्या से नाराज़ ईरान अब इसराइल पर मिसाइल हमले की तैयारी कर रहा है. एक अमरीकी अधिकारी का कहना है कि अमेरिका को संकेत मिले हैं कि ईरान इसराइल के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल हमला करने की तैयारी कर रहा है.

अधिकारी ने कहा, “हम इस हमले से इसराइल की रक्षा के लिए, सुरक्षा तैयारियों का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहे हैं. ईरान द्वारा इसराइल पर सीधे सैन्य हमले से ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.”

ईरान ने नसरल्लाह और उसके कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर अब्बास निलफोरुशान की हत्या का बदला लेने का वादा किया है, जो शुक्रवार को हिजबुल्लाह नेता के साथ मारे गए थे.

इधर इसराइल के मुद्दे पर बोलते हुए डेनियल हगरी ने कहा कि इसराइल और उसके सहयोगी पूरी तरह से तैयार हैं और ईरान के किसी भी हमले के गंभीर परिणाम होंगे.

उनका यह बयान व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा चेतावनी दिए जाने के कुछ समय बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका को संकेत मिले हैं कि ईरान इसराइल के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल हमला करने की तैयारी कर रहा है.

हगरी ने कहा कि इसराइल की वायु रक्षा प्रणाली ईरान के किसी भी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन फिलहाल किसी खतरे की पहचान नहीं की गई है.

इधर लेबनान में ईरानी दूतावास ने लेबनान में हुई घटनाओं को संबोधित करते हुए एक बयान जारी किया है.

इसमें कहा गया है, “लेबनान के लोग जागरूक हैं और अपने उन दोस्तों के बीच पूरी तरह से अंतर कर सकते हैं जो सबसे बुरे हालात में उनके साथ खड़े रहे और जो उनके दुश्मन को घेरने और उन्हें निशाना बनाने के लिए कवर प्रदान करते हैं.”

इसमें कहा गया है कि “हमने जुलाई 2006 के युद्ध के दौरान पहले भी ईरान द्वारा प्रतिरोध के लिए समर्थन छोड़ने के आरोपों को सुना था और तथ्यों और आंकड़ों के सामने आने के बाद उन्हें दबा दिया गया था. इस बार भी, ईरान की प्रभावशाली भूमिका दुनिया के लिए और अधिक स्पष्ट हो जाएगी जब ज़ायोनी आतंकवाद पर जीत का सितारा चमकेगा.”

बयान में आगे कहा गया है- “नेतन्याहू के बयानों की समीक्षा करना, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र में, और दर्जनों बार ईरान का उल्लेख करना, प्रतिरोध की रक्षा और समर्थन में इसकी मौलिक भूमिका को समझने के लिए पर्याप्त है,”

दूसरी ओर इस्तांबुल सबाहतिन ज़ैम विश्वविद्यालय में इस्लाम और वैश्विक मामलों के केंद्र के निदेशक सामी अल-अरियन का कहना है कि लेबनान पर इसराइल के ज़मीनी हमले ने ईरान पर जवाब देने का दबाव डाला है.

उन्होंने कहा-“निश्चित रूप से, ईरान अभी मुश्किल में है क्योंकि इसराइल द्वारा शुरू किए जा रहे इस नरसंहार युद्ध में उससे पूर्ण भागीदार होने की उम्मीद है, लेकिन यह हिज़्बुल्लाह को उसके युद्ध में, इसराइल की युद्ध मशीन का सामना करने में समर्थन देगा.”

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