राष्ट्रीय राजमार्ग: मंजूरी 20-30 हज़ार करोड़, मिलते हैं महज 927 करोड़
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए केंद्र सरकार ने भले 10000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी हो.लेकिन हक़ीकत ये है कि राज्य को हर साल इस मद में हज़ार करोड़ रुपये भी नहीं मिलते हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 30 सितंबर को 10 हज़ार करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. राज्य सरकार की ही एक अन्य विज्ञप्ति के अनुसार 11 हज़ार करोड़ रुपये मंजूर किए गये हैं.
लेकिन मंजूरी के बाद भी कितनी योजनाएं धरातल पर उतरेंगी, और कितनी इस मद में कितनी रक़म आएगी, यह अभी भविष्य के गर्भ में है.
भूपेश बघेल के कार्यकाल का हाल
यह चार साल पुरानी बात है, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी से दिल्ली में मुलाकात की थी. जनसंपर्क वभाग की विज्ञप्ति में दावा किया गया था कि राज्य की तीन सड़कों को भारतमाला में शामिल किया जाएगा.
ये तीन सड़कें रायगढ़-धरमजयगढ़ मार्ग, अम्बिकापुर-भैसामुड़ा-वाड्रफनगर-धनगांव-बम्हनी-रेनुकुट-बनारस मार्ग और पंडरिया-बजाग-गाड़ासरई मार्ग थीं.
दावा किया गया कि इसके लिए 20 हज़ार करोड़ मंजूर किए गए हैं.
21 अप्रैल 2022 को तो रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज सभागृह में तब के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में 9240 करोड़ रूपए लागत की 33 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया था.
हज़ार करोड़ भी नहीं मिले हर साल
पिछले पांच सालों के आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन और चौड़ीकरण के मद में हर साल हज़ार करोड़ रुपये भी स्वीकृत नहीं हुए हैं.
2019 से 2024 तक राज्य को हर वर्ष औसत केवल 927 करोड़ रुपये मिले हैं.
2019-20 में राष्ट्रीय राजमार्ग के उन्नयन और चौड़ीकरण के लिए राज्य को केवल 456 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे. 2020-21 में यह आंकड़ा 869 और 2021-22 में 1890 करोड़ था.
अगले साल यानी 2022-23 में 980 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए. लेकिन अगले साल यानी 2023-24 में यह रक़म आधी से भी कम हो कर केवल 443 करोड़ रुपये रह गई.