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चुनावी बॉन्ड है जबरन वसूली, निर्मला सीतारमन पर FIR के निर्देश

बेंगलुरु | डेस्क: चुनावी बॉन्ड को जबरन वसूली बताते हुए दायर याचिका के आधार पर बेंगलुरु की एक अदालत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

बेंगलुरु की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने जनाधिकार संघर्ष परिषद के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर की याचिका पर यह निर्देश दिए हैं.

अदालत ने तिलक नगर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.

पिछले साल अप्रैल में कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ईडी अधिकारियों, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के अन्य राष्ट्रीय नेताओं, बीजेपी के तत्कालीन कर्नाटक अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, बी वाई विजयेंद्र ने चुनावी बॉन्ड के नाम पर जबरन पैसे वसूले हैं.

ग़ौरतलब है कि राजनीतिक दलों को गुमनाम चंदा देने के लिए मोदी सरकार ने 29 जनवरी 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड का क़ानून लागू किया था. यह इलेक्टोरल बॉन्ड एक वचन पत्र की तरह है जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से ख़रीद कर किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीक़े से दे सकता है. 

इसी साल 15 फ़रवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था. 

इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से कहा था कि वह 6 मार्च 2024 तक, किस किस राजनीतिक दल को चंदा दिया गया था, यह सार्वजनिक करे. लेकिन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने बेशर्मी से बहानेबाज़ी शुरू कर दी थी. बाद में उसने यह जानकारी सार्वजनिक की. इससे पता चला कि इस बॉन्ड से भाजपा को सबसे अधिक लाभ हुआ है.

अब बेंगलुरु की अदालत ने माना कि इस बॉन्ड के नाम पर जबरन वसूली की गई है. इसके बाद अदालत ने बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवायी 10 अक्टूबर को होगी.

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