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छत्तीसगढ़ में भी हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई

रायपुर | संवाददाता: अब छत्तीसगढ़ में भी मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा की है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज 2024-25 शैक्षणिक सत्र से हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम पेश करना शुरू कर देंगे.

इधर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि इस तरह की घोषणा का कोई मतलब नहीं है.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा है कि हिंदी में चिकित्सा की पढ़ाई का प्रयोग असफल हो चुका है.

ग़ौरतलब है कि शनिवार को हिंदी दिवस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के साथ, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि एमबीबीएस की पढ़ाई की व्यवस्था भी हम हिंदी में करेंगे. इस साल के प्रथम सत्र 2024-25 में एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी उपलब्ध होगी. इसके लिए छात्र छात्राओं की संख्या अनुरूप आवश्यक पुस्तक उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं.

मुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी दिवस की सार्थकता इस बात में है कि हम शासन प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करें, हिंदी को बढ़ावा दें.

उन्होंने कहा हमें इस बात की खुशी है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2022 को उत्तरप्रदेश के उन्नाव की रैली में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने की मंशा जाहिर की थी, हम उसका क्रियान्वयन करने जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय हैं. हिंदी में चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे अधिक लाभ हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को होगा, जो अधिकतर हिंदी मीडियम से होते हैं जो प्रतिभाशाली होते हैं लेकिन अंग्रेजी की वजह से उन्हें चिकित्सा पाठ्यक्रम में कुछ दिक्कत आती है.

विष्णुदेव साय ने कहा कि अब यह दिक्कत दूर हो जाएगी. इससे चिकित्सा छात्र छात्राओं का आधार भी मजबूत होगा और अच्छे चिकित्सक तैयार करने में इससे अधिक मदद मिलेगी. मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने का यह सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे विषय की बारीक समझ बनती है. इसे हम छत्तीसगढ़ में हर स्तर पर कार्यान्वित करने के लिए कृत संकल्पित हैं.

इधर मुख्यमंत्री की इस घोषणा को कांग्रेस पार्टी की चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता ने हास्यास्पद बताया है.

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह ने भी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करने की घोषणा की थी. लेकिन यह घोषणा धरी रह गई

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मेडिकल का अध्ययन और अध्यापन अंग्रेज़ी में होता है. ऐसे में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की घोषणा महज़ राजनीतिक शोशेबाजी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस घोषणा से पहले चिकित्सकों से चर्चा की होती तो ऐसी काग़ज़ी घोषणा की उन्हें आवश्यकता ही नहीं होती.

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