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छत्तीसगढ़ में टल सकता है निगम और पंचायत चुनाव

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव टल सकते हैं. पहले माना जा रहा था कि दिसंबर में चुनाव हो जाएंगे. लेकिन ओबीसी आबादी का सर्वेक्षण पूरा नहीं होने की स्थिति में इसके आगे बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

राज्य में ओबीसी आबादी सर्वेक्षण की समय सीमा ख़त्म होने को है. लेकिन अभी सर्वेक्षण का काम कई इलाकों में शुरु नहीं हो पाया है. हालत ये है कि कई विभागों में सर्वेक्षण का ज़िम्मा ही कर्मचारियों को नहीं सौंपा गया है.

गौरतलब है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के सचिव ने 16 अगस्त को जारी एक पत्र में कहा था कि नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में ओबीसी सर्वेक्षण के आंकड़े एकत्र कर एक माह के भीतर उपलब्ध कराएं.

लेकिन हालत ये है कि सर्वेक्षण का जिम्मा, जिन विभागों को सौंपा गया है, उनमें अभी तक विधिवत आदेश तक जारी नहीं किया गया है.

जो विभाग सर्वे में जुटे हैं, उनके अनुसार प्रत्येक परिवार से 54 बिंदुओं पर सर्वेक्षण का आंकड़ा एकत्र करने में सर्वेक्षणकर्ताओं की हालत ख़राब हो रही है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ओबीसी आबादी का सर्वेक्षण और उसी अनुरुप चुनाव में आरक्षण लागू किया जाना है. लेकिन सर्वेक्षण के आंकड़े अगर नहीं मिलते हैं तो सरकार के पास निगम और पंचायत चुनाव टालने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा.

क्वांटिफायबल डाटा आज तक सार्वजनिक नहीं

छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्वेक्षण की कोशिश पहले भी हो चुकी है.

अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्गों का सर्वेक्षण कर तैयार किया गया क्वांटिफायबल डाटा आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया. इसे क्वांटिफायबल डाटा आयोग के अध्यक्ष ने 21 नवंबर 2022 को भूपेश बघेल सरकार को सौंपा था.

माना जा रहा था कि सरकार इसे सार्वजनिक करेगी.

लेकिन भूपेश बघेल सरकार ने जब नया आरक्षण क़ानून बनाया और उसे राज्यपाल को भेजा तो राज्यपाल ने इस आरक्षण के वर्गीकरण का आधार जानना चाहा.

लेकिन राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट को राज्यपाल को भी नहीं दिया.

भूपेश बघेल सरकार का कहना था कि यह जाति जनगणना नहीं है, यह केवल ‘हेडकाउंट’ है.

विपक्ष में रहते हुए इस क्वांटिफायबल डाटा को सार्वजनिक करने की मांग करने वाली भाजपा को सत्ता में आए नौ महीने से अधिक हो गए हैं. लेकिन उसने भी अब तक इस डाटा को सार्वजनिक नहीं किया है.

क्वांटिफायबल डाटा आयोग द्वारा एकत्र छत्तीसगढ़ की कुल 1,25,07,169 ओबीसी ‘हेडकाउंट’ में सबसे बड़ी ओबीसी जाति साहू है, जिसकी संख्या 30,05,661 है.

राज्य में दूसरे नंबर की जाति यादवों की है, जिनकी संख्या 22,67,500 है.

छत्तीसगढ़ में तीसरी संख्या निषाद समाज की है, जिनका ‘हेडकाउंट’ 11,91,818 है.

चौंथे नंबर की जाति की बात करें तो इस क्रम में कुशवाहा समाज आता है, जिसकी संख्या 8,98,628 है.

क्वांटिफायबल डाटा आयोग के आंकड़े के अनुसार राज्य में पांचवें नंबर पर कुर्मी जाति है, जिसकी संख्या 8,37,225 है.

अन्य ओबीसी जातियों के आंकड़े इस तरह हैं-

छत्तीसगढ़ में ओबीसी जाति के हेड काउंट के आंकड़े

अहीर, ब्रजवासी, गवली गोली, जादव, यादव बरगाही, बरगाह, ठेठवार, राउत, गोवारी, गवारी, ग्वारा, गोवारी, महाकुल, राउत, महकुल, गोप, ग्वाली, लिंगायत, गोपाल, यादव, राऊत, ग्वाला, गहिरा, गौली22,67,500
असारा, असाड़ा10,296
बैरागी, वैष्णव, थनापति76422
बंजारा, बंजारी, मथुरा, नायक, नायकड़ा, धरिया, लभाना, लबाना, लामने63,112
बरई, तमोती, तम्बोली, कुमावट, कुमावत, वारई, बरई, चौरसिया44,598
बढ़ई, सुतार, दवेज, कुन्देर (विश्वकर्मा)54,985
बारी11108
वसुदेव, वसुदेवा, वासुदेव, वासुदेवा, हरबोला, कापड़या, कापड़ी, गोंधली, थारवार22814
भड़भूंजा, भुंजवा, भुर्जी, धुरी, धूरी22402
भाट, चारण,सुतिया, सालवी, राव, जनमालोंधी, जसोंधी, मरूसोनिया18896
छीपा, भावसार, नीलगर, जीनगर, निराली, रंगारी, मनधाव10506
ढीमर भोई, कहार, कहरा, धीवर, मल्लाह, नावड़ा, तुरहा, केवट, केंवट, कश्यप, निषाद, रायकवार, बाथम, कीर, ब्रितिया, वितिया, सिंगरहा, जालारी, जालारनलु (बस्तर, दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा, उत्तर बस्तर कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव और सुकमा ज़िले में) सोंधिया11,91,811
पंवार, पोवार, भोयर, भोयार13792
भुर्तिया, भुतिया, भोरथिया, भोरतिया4537
भोपा, मानभाव1747
भटियारा, हलवाई, गुरिया, गुड़िया, गुडीया16359
चुनकर, चुनगर, कुलवंधया, राजगीर3839
चितारी1577
दर्जी, छीपी, छिपी, शिपी, मावी, (नामदेव)16626
धोबी, बट्ठी, बरेठा, रजक, बरेठ3,16,953
मीना (रावत) देशवाली, मेवाती, मीणा22,754
किरार, किराड़, धाकड़37,346
गंडरिया, धनगर, कुरमार, हटगर, हटकर, हाटकार, गाड़री, धारिया, धोषी, गड़रिया, गारी, गायरी, पाल, बघेले, गड़ेरी11,3,386
कड़ेरे, धुनकर, धुनिया, धनका, कोडार5802
कोष्टा, कोष्टी, देवांगन, कोष्ठा, माला, पद्मशाली, साली, सुतसाली, सलेवार, सालवी, देवांग, जन्द्रा, कोस्काटी, कोश्काटी, लिंगायत, गढ़वाल, गढ़ेवाल, गरेवार, गरावर, डुकर, कोल्हाटी3,20,033
धोली, डफाली, डफली, ढोली, दमामी, गुरव4201
गुसाई, गोस्वामी, गोसाई43646
गूजर, गुर्जर7581
लोहार, लुहार, लोहपीटा, गड़ोले, हुंगा लोहार, लोहपटा, गड़ोला, लोहार (विश्वकर्मा)202212
गारपगारी, नाथजोगी, जोगीनाथ, हरिदास, नाथयोगी, जोगी, नाथजोगी9237
घोषी2988
सोनार, सुनार झाणी, झाड़ी, स्वर्णकार, अवधिया, औधिया, सोनी119345
(अ) काछी, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, कोयरी या कोइरी, पनारा, मुराई, सोनकर, कोईर, (ब) माली, सैनी, मरार, पटैल, हरदिया, मरार898628
जोशी, भड्डारी, डकोचा, डकोता, भटरी, भडरी, भठरी8960
लखेरा, लखेर, कचेरा, कचेर291
ठठेरा, कसार, कसेरा, तमेरा, तम्बटकर, ओटारी, ताम्रकार, तमेर, घड़वा, झारिया, कसेर25017
खातिया, खाटिया, खाती3140
कुम्हार, प्रजापति, कुंभार206400
कुरमी, कुरमार, कुनबी, कुर्मी, पाटीदार, कुलमी, कुल्मी, कुलम्बी, कुर्मवंशी, चंद्राकर, चंद्रनाहू, कुंभी, गवैल, गमैल, सिरवी, कुन्बी, चंदनाहू, चन्नाहू, गबेल, कुन्वी, कुनवी, गवेल, गभेल837225
कमरिया1547
कौरव, कांवरे5347
कलार, जायसवाल, कलाल, डडसेना, कलवार391176
कलौता, कलौटा, कोलता, कोलटा134741
लोनिया, लुनिया, ओड़, ओड़े, ओड़िया, नोनिया मुरहा, मुराहा, मुड़हा, मुड़ाहा, नुनिया, नौनिया22791
नाई, सेन, सविता, उसरेटे, श्रीवास, म्हाली, नाव्ही, उसरेटे215322
नायटा, नायड़ा4355
पनका, पनिका402894
पटका, पटकी, पटवा10576
लोधी, लोधा, लोध301325
सिकलीगर13553
तेली, ठाठ, साहू, राठौर30,05661
तुरहा, तिरवाली, बड्डर5132
किसडी, कसडी701
रौतिया, रोतिया51844
मानकर, नहाल1382
कोटवार, कोटवाल5664
खैरुवा722
लोढ़ा, तंवर1100
मोवार, मौवार19322
रजवार177946
अघरिया179011
तिऊर, तूरी2151
भारुड़474
तेलंगा, तिलगा15565
राघवी705
राजभर, रजभर2533
खारोल439
सरगरा445
गोलान, गवलान, गौलान711
रज्जड़, रजझड़613
जादम639
दांगी589
गयार, परधनिया12469
कुड़मी1081
बया महरा, कौशल, वया, बया20013
पिंजारा (हिंदू)1274
ईसाई धर्म अपनाने वाली अजा10769
आंजना357
थोरिया, थुरिया, थुड़िया1678
गेहलोत, मेवाड़ा1496
रेवारी221
रुआला, रूहेला438
मुस्लिम धर्मावलंबी381323
शौण्डिक, सुण्डी, सूड़ी एवं सोढ़ी30660
भूलिया, भोलिया, भुलिया5161
पोबिया6164
खर्रा, खडरा, खोडरा1679
रौनियार, कमलापुरी10031
बिंद, बींद, बिन्द, बीन्द2446
झोरा2876
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