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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर घमासान

जालना| डेस्कः महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है. एक ओर मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं ने शरद पवार गुट से अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है. वहीं ओबीसी कोटा से आरक्षण मांग रहे मनोज जरांगे ने आरक्षण नहीं मिलने पर चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है.

शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी जालना के बदनापुर में ‘शिवराज्य यात्रा’ निकाली थी.

यात्रा में राकांपा-एसपी शरद पवार की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के साथ सांसद अमोल कोल्हे और विधायक राजेश टोपे भी शामिल थे.

इसी दौरान मराठा आरक्षण के कार्यकर्ताओं ने यात्रा को रोक दिया और जयंत पाटिल से सवाल-जवाब करने लगे.

कार्यकर्ता पाटिल से पूछ रहे थे कि नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के बारे में पार्टी का क्या विचार है.

जयंत पाटिल को घनासांधी में भी इसी तरह की घटना का सामना करना पड़ा था. वहां कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे. इसकी वजह से पाटिल भाषण भी नहीं दे पाए थे.

घनासांधी अंतरवाली सरती से कुछ ही किलोमीटर दूर है.

अंतरवाली सरती, मनोज जरांगे के नेतृत्व में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन का केंद्र है.

आरक्षण नहीं मिलने पर मनोज जरांगे लड़ेंगे चुनाव

मनोज जरांगे ओबीसी कोटा से आरक्षण की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने कहा है कि आरक्षण नहीं मिला तो उसका जवाब चुनाव से दिया जाएगा.

उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है और 28 अगस्त को इसकी आधिकारिक घोषणा करने वाले हैं.

जरांगे उस मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबियों को मराठा समुदाय के सदस्यों रक्त संबंधी के रूप में मान्यता देते हुए ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान है.

मनोज जरांगे ने मराठाओं के लिए आरक्षण की जरूरत पर कथित तौर पर सवाल उठाने के लिए दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े पर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा है कि उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस उनके खिलाफ संभाजी भिड़े को सामने ला रहे हैं.

मनोज ने कहा कि भिड़े इसीलिए मेरे खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मराठा समुदाय फडणवीस और भाजपा से बहुत दूर जा रहा है.

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