सेंसरशिप विवाद के बीच X ने बंद किया अपना कार्यालय
नई दिल्ली | डेस्क : सोशल मीडिया एक्स ने सेंसरशिप को लेकर शुरु हुए विवाद के बाद ब्राज़ील में अपना कामकाज समेट लिया है. कंपनी ने अपना ब्राज़ील कार्यालय बंद कर दिया है.
एक्स का कहना है कि उसे सेंसरशिप आदेशों को नहीं मानने पर कर्मचारियों को गिरफ़्तार करने की धमकी दी गई थी.
हालांकि कंपनी का कहना है कि ब्राज़ील के लोग अभी भी एक्स का प्रयोग कर सकते हैं.
एक्स ने कहा कि ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्जेंड्रे डी मोरेस ने एक्स के क़ानूनी प्रतिनिधि को सेंसरशिप आदेशों को न मानने पर गिरफ्तार करने की धमकी दी है.
हालांकि ब्राज़ील सरकार या सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.
गौरतलब है कि ब्राज़ील सुप्रीम कोर्ट के जज मोरेस ने कई एक्स खातों पर दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया था.
एक्स की ओर से जारी बयान में कहा गया- कल रात, एलेक्जेंडर डी मोरेस ने ब्राजील में हमारे कानूनी प्रतिनिधि को धमकी दी कि अगर हम उनके सेंसरशिप आदेशों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने एक गुप्त आदेश में ऐसा किया, जिसे हम उनके कार्यों को उजागर करने के लिए यहाँ साझा कर रहे हैं.
बयान के अनुसार-सुप्रीम कोर्ट में हमारी कई अपीलों पर सुनवाई नहीं होने, ब्राजील की जनता को इन आदेशों के बारे में सूचित नहीं किए जाने और हमारे ब्राजील के कर्मचारियों के पास इस बात की कोई जिम्मेदारी या नियंत्रण नहीं होने के बावजूद कि हमारे प्लेटफॉर्म पर सामग्री को ब्लॉक किया जाए या नहीं, मोरेस ने कानून या उचित प्रक्रिया का सम्मान करने के बजाय ब्राजील में हमारे कर्मचारियों को धमकाने का विकल्प चुना है.
Last night, Alexandre de Moraes threatened our legal representative in Brazil with arrest if we do not comply with his censorship orders. He did so in a secret order, which we share here to expose his actions.
Despite our numerous appeals to the Supreme Court not being heard,… pic.twitter.com/Pm2ovyydhE
— Global Government Affairs (@GlobalAffairs) August 17, 2024
कंपनी ने अपने बयान में कहा-“परिणामस्वरूप, अपने कर्मचारियों की सुरक्षा की रक्षा के लिए, हमने ब्राजील में अपने संचालन को तुरंत प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है.”
X ने अपने बयान में कहा-” X सेवा ब्राजील के लोगों के लिए उपलब्ध रहेगी. हमें गहरा दुख है कि हमें यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया गया है. जिम्मेदारी पूरी तरह से एलेक्जेंडर डी मोरेस की है. उनके कार्य लोकतांत्रिक सरकार के साथ असंगत हैं. ब्राजील के लोगों के पास एक विकल्प है- लोकतंत्र या एलेक्जेंडर डी मोरेस.”