इंदौर में फायरिंग का जवाब बुलडोजर से
इंदौर| डेस्कः मध्यप्रदेश बुलडोज़र कार्रवाई जारी है, अबकि इंदौर में फायरिंग का जवाब बुलडोजर से दिया गया है.
राजस्व अफसरों पर फायरिंग करवाने वाले युवक के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसके मकान को ढाह दिया गया है.
इसके अलावा भी शहर में रविवार को अवैध मकानों पर बुलडोजर चलाया गया.
तोड़फोड़ की कार्रवाई के लिए नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की टीम सुबह 5 बजे पहुंच गई थी.
टीम ने 7 जेसीबी और 3 पोकलेन मशीन से तीन घंटे में पूरे अवैध कब्जे को ध्वस्त कर दिया.
ज्ञात हो कि बुधवार 14 अगस्त को तहसीलदार सैवाल सिंह, नायब तहसीलदार जितेन्द्र वर्मा, पटवारी मयंक चतुर व प्रदीप सिंह चौहान अरबिन्दों हॉस्पिटल की जमीन से अवैध कब्जा हटाने पहुंचे थे.
टीम ने जैसे ही कार्रवाई शुरू की, अवैध कब्जाधारी सुरेश पटेल के गार्डों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी थी.
राजस्व अमला ने इसकी शिकायत थाने में की थी.
शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी सुरेश पटेल, जयदीप, प्रदीप मिश्रा और जयकुमार शर्मा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी रासुका की कार्रवाई की थी.
साथ ही निर्णय लिया गया था कि रविवार को अवैध कब्जा तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी.
काफी विरोध का सामना करना पड़ा
रविवार की सुबह अवैध कब्जा तोड़ने प्रशासन की टीम इंदौर के न्याय नगर पहुंची तो उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा.
मोहल्ले में जैसे ही बुलडोजर और पोकलेन मशीन के साथ प्रशासन की टीम पहुंची, मुहल्ले के लोगों का हुजूम लग गया.
लोग विरोध करते हुए टीम को अंदर जाने नहीं दे रहे थे. काफी मशक्कत के बाद टीम अंदर पहुंची.
विरोध कर रहे लोगों ने पहले प्रशासन के सामने मकान नहीं तोड़ने की मिन्नते की.
महिलाएं अपनी मजबूरियां बताते हुए बारिश के दिनों में कहां जाएंगे, कहकर हाथ जोड़ती रही.
कुछ महिलाएं जेसीबी के आगे लेट गईं, तो कुछ लोग जेसीबी और पोकलेन पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे.
भीड़ ने किया पथराव
इस बीच आक्रोशित भीड़ ने प्रशासनिक अमले पर पथराव शुरू कर दिया.
पथराव से नगर निगम के सुपरवाइजर का सिर फट गया.
पुलिस ने पत्थर मारने वाले युवक को पकड़ा तो युवक के परिवार वाले वहां पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया.
पुलिस ने उन्हें खदेड़ते हुए युवक को थाना भेज दिया.
पुलिस ने भीड़ को जैसे-तैसे हटाया और तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की.
इसके बाद भी वहां काफी देर तक हंगामा चलता रहा.
जमीन पर 21 साल से चल रहा है विवाद
ज्ञात हो कि न्याय नगर की 7.87 एकड़ जमीन पर 21 साल से विवाद चल रहा है.
वहां रह रहे कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर कोर्ट ने वहां के 97 मकानों पर स्टे आर्डर दिया है.
उसी के चलते आज उन मकानों को नहीं तोड़ा गया.