देश में सेक्यूलर सिविल कोड हो-मोदी
नई दिल्ली । डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालक़िले पर तिरंगा फहराने के बाद देश को संबोधित करते हुए कहा कि देश में सेक्यूलर सिविल कोड हो.उन्होंने कहा कि 2047 विकसित भारत हमारी प्रतीक्षा कर रहा है. ये देश चलने के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात की है. मौजूदा सिविल कोड एक तरह से कम्यूनल सिविल कोड है. हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो. जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऐसे कानून आधुनिक समाज नहीं बनाते. देश में सेक्युलर सिविल कोड होना चाहिए तब जाकर धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि राजनीति में युवाओं को आने की जरुरत है. उन्होंने कहा-“हम देश में एक लाख नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं, जिनके परिवार में कोई भी राजनीतिक बैकग्राउंड से न हो. ऐसे होनहार नौजवानों को फ्रेश ब्लड, इन्हें राजनीति में लाना है.”
उन्होंने कहा कि आज हमारे देश के लिए मर मिटने वाले हज़ारों वीर सपूतों को याद करने का दिन है. देश उनका ऋणी है और ऐसे हर महापुरुष के लिए हम अपना श्रद्धाभाव अर्पित करते हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा इस साल और पिछले कुछ सालों से प्रकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंताएं बढ़ी हैं. इसमें कई लोगों ने अपना परिवार और संपत्ति खोई है. राष्ट्र ने भी नुक़सान झेला है. मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि यह देश संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा हों, महिला हों या आदिवासी हों सभी ने ग़ुलामी के ख़िलाफ़ जंग लड़ी है. इतिहास गवाह है कि 1857 स्वतंत्रता संग्राम से पहले भी कई आदिवासी क्षेत्रों मे आज़ादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी. उस समय की आबादी के हिसाब से 40 करोड़ देशवासियों ने वह जज़्बा दिखाया कि वे एक सपना और संकल्प लेकर चलते रहे.
उन्होंने कहा कि अगर 40 करोड़ लोग ग़ुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं तो देश के मेरे 140 करोड़ नागरिक और परिवारजन हर चुनौती को पार करते हुए समृद्ध भारत बना सकते हैं. हम 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की जल्द से जल्द जाँच हो. राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द सज़ा हो, ये ज़रूरी है.
उन्होंने कहा- ”मैं कहना चाहूंगा कि जब बलात्कार की घटनाएं होती हैं तो वो मीडिया में छाया रहता है लेकिन जब ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को सज़ा होती है तो वह ख़बर नहीं बनता.”
पीएम मोदी ने कहा-“ मुझे लगता है कि समय आ गया है जब ऐसे कृत्य करने वालों की ख़बरें बनें. ये डर बनाना बहुत ज़रूरी है.”
पीएम ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है लेकिन उनके साथ अत्याचार चिंता की बात है.
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किला से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा, “एक समय पर आतंकवादी आकर देश में हमले करते थे लेकिन अब सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है और देश के युवा का सीना इससे गर्व से भर जाता है.”
उन्होंने कहा, ”आज 140 करोड़ देशवासी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और देश भर में हो रहे सुधारों से उनको मज़बूती मिल रही है. मज़बूत नेतृत्व, अडिग संकल्प और जनभागीदारी के माध्यम से हम अतुल्य सफलता का रास्ता बना रहे हैं.”
प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल से पहले की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, “दुर्भाग्य से हमारे देश में आज़ादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो.”
उन्होंने कहा- हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला. आज सरकार खुद लाभार्थी के पास जाती है. आज सरकार खुद उसके घर तक गैस का चूल्हा, पानी, बिजली और आर्थिक मदद पहुंचाती है.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि देश ने देखा है कि आज़ादी के बाद भी दशकों तक स्टेटस-को का माहौल बना रहा. हमने इसी मानसिकता को तोड़ा है. हमने बड़े सुधारों को ज़मीन पर उतारा है.
लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं पर हो रहे हमलों का ज़िक्र भी किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो. हम पड़ोसियों का सुख और शांति चाहते हैं.”