सेंट्रल गोंडवाना

ओडिशा में 450 जगहों पर हेलीपैड बनवा कर फंसे वीके पांडियान

नई दिल्ली | डेस्क: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी पूर्व आईएएस वीके पांडियान की मुसीबत बढ़ती दिख रही है.

विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी हेलीकॉप्टर से यात्रा और 450 हेलीपैड बनाने के लिए करोड़ों खर्च को लेकर भाजपा सरकार ने जांच शुरू कर दी है.

ओडिशा की भाजपा सरकार ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के समय वीके पांडियान ने जिस हेलीकॉप्टर में दौरा किया और उसके लिए स्पेशल हेलीपैड बनाए गए, उसका खर्च उनकी पार्टी के बजाय तब की बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार ने उठाया है.

इस मामले को लेकर सबसे पहले वाणिज्य और परिवहन मंत्री बिभूति भूषण जेना ने वीके पांडियान के खिलाफ मोर्चा खोला था.

उन्होंने हेलीकॉप्टर यात्राओं की पाई-पाई की जांच कराने की बात कही थी.

अब कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन इस मामले में मुखर हुए हैं.

किसकी इजाजत से हुआ दौरा

पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा है कि यह गंभीर मामला है इस पर पूरी तरह से जांच प्रड़ताल होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि आखिर किसके आदेश और किसके कहने पर यह काम हुआ है.

मंत्री हरिचंदन ने कहा है कि हेलीकॉप्टर की सवारी का खर्च किसने उठाया, हम इसकी जांच करेंगे.

उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर जहां-जहां हेलीकॉप्टर उतरा, वहां हेलीपैड बनाए गए और इसके लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल हुआ.

पृथ्वीराज हरिचंदन ने एक विभाग के सचिव के पास हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं होता, फिर यह मंजूरी कैसे मिली.

उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद उचित सजा पर विचार करेंगे.

पटनायक सरकार में वीके पांडियान की बोलती थी तूती

ओडिशा में एक वक्त था, जब वीके पांडियान को नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी माना जाता था.

नवीन पटनायक सरकार में वीके की तूती बोलती थी.

वीके की मर्जी के बिना राज्य में कोई भी बड़ा फ़ैसला नहीं लिया जाता था.

हालत ये थी कि पार्टी के बड़े नेता और मंत्री तक, नवीन पटनायक से महीनों मिल नहीं पाते थे.

उनकी जगह वीके ही जरुरी दिशा-निर्देश देते थे.

मगर ओडिशा में बीजेडी की करारी हार के साथ ही सारा समीकरण बदल गया है.

नवीन पटनायक की कुर्सी जाते ही उनके सारे सहयोगियों के लिए मुश्किल का दौर शुरु हो गया है.

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