छत्तीसगढ़ के 4077 स्कूलों का होगा विलय
रायपुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ सरकार ने कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों का, दूसरे स्कूलों में विलय का फ़ैसला किया है.
साथ ही एक ही भवन में संचालित अलग-अलग स्कूलों को एक यूनिट बनाया जाएगा.
शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ के 4077 स्कूलों के विलय की रूपरेखा तैयार कर ली है.
शिक्षा विभाग का कहना है कि शहरी क्षेत्र में 30 से कम और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से कम दर्ज संख्या वाला स्कूलों का, दूसरे स्कूलों में विलय किया जाएगा.
इनमें प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल और हायरसेकंडरी स्कूल शामिल हैं.
स्कूलों के साथ-साथ शिक्षकों का भी संबंधित स्कूल में विलय किया जाएगा.
शिक्षा विभाग का दावा है कि इससे प्रदेश में शिक्षकों की कमी भी दूर हो पाएगी.
दो पाली में चलते हैं स्कूल
राज्य में स्कूल ऐसे हैं, जो दो पालियों में लगते हैं. प्रथम पाली में प्राथमिक और माध्यमिक उसके बाद दूसरी पाली में हाई और हायर सेकंडरी की कक्षाएं संचालित होती हैं.
अब तक इन स्कूलों की गिनती अलग-अलग स्कूलों के रूप में होती आ रही थी. इनका यू-डाइस कोड भी अलग-अलग ही थे.
सरकार अब ऐसे स्कूलों को इसी सत्र में विलय करेगी.
इससे इन स्कूलों की गिनती एक विद्यालय के रूप में होगी. साथ ही यू-डाइस कोड भी एक हो जाएगा.
स्कूल एक भवन अलग-अलग
शिक्षा विभाग का कहना है कि जिन स्कूलों को आपस में विलय किया जा रहा है, उनमें से 99 स्कूलों की स्थिति कुछ अलग है.
इन स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या काफी कम है. वहीं भवन की भी समस्या है.
इन स्कूलों को एक परिसर के बजाय, आस-पास के अलग-अलग भवनों में संचालित किया जा रहा है.
इन स्कूलों में एक कक्षा में 4-5 बच्चे ही हैं.
जूनियर शिक्षक अतिशेष
शिक्षा विभाग का दावा है कि स्कूलों में दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी.
प्राथमिक स्कूलों में 61 से 90 तक दर्ज संख्या होगी, वहां प्रधान पाठक सहित तीन शिक्षक होंगे.
इसी तरह 91 से 120 बच्चे होने पर प्रधान पाठक सहित 4 शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी.
जिस स्कूल में दर्ज संख्या 121 से 150 होगी, वहां प्रधान पाठक सहित पांच शिक्षक होंगे.
इसी तरह माध्यमिक शालाओं में 105 तक दर्ज संख्या होने पर, प्रधान पाठक समेत तीन शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी.
वहीं 106 से 140 बच्चे होने पर प्रधान पाठक समेत पांच शिक्षक पदस्थ होंगे.
स्कूलों में कार्यभार ग्रहण दिनांक के आधार पर सीनियर और जूनियर की गिनती होगी. जूनियर शिक्षक अतिशेष माने जाएंगे.
शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण
शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षा विभाग ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.
युक्तियुक्तकरण के लिए जिला और विकासखंड स्तर पर समिति बनाई जाएगी.
शिक्षा विभाग के अनुसार 5484 स्कूल एकल शिक्षक हैं.
अतिशेष शिक्षकों की संख्या 7003 है. वहीं 297 स्कूलों में शिक्षक ही नहीं हैं.
शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण होने से अतिशेष शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजा जाएगा, जिनका विलय होने वाला है.
काउंसिलिंग से होगी पदस्थापना
स्कूलों के विलय के बाद शिक्षकों की पदस्थापना काउंसिलिंग से की जाएगी.
अतिशेष शिक्षकों को आस-पास के शिक्षकविहीन स्कूलों में पहले भेजा जाएगा.
उसके बाद एकल शिक्षकीय स्कूलों में पदस्थापना की जाएगी.
इसी क्रम में व्याख्याताओं को भी भेजा जाएगा.
कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक विषय के एक से अधिक शिक्षक हैं, उन्हें अतिथि शिक्षक के रूप में भेजा जाएगा.