संसद में फिर पेश किए गए मानव-हाथी संघर्ष के झूठे आंकड़े
रायपुर | संवाददाता: मानव-हाथी संघर्ष के मामले में संसद में छत्तीसगढ़ को लेकर लगातार भ्रामक जानकारी दी जा रही है.
यह सिलसिला पिछले चार सालों से जारी है.
सोमवार को फिर से सदन में ग़लत जानकारी प्रस्तुत की गई.
डॉ. जयंत कुमार राय और श्रीमती संगीता कुमारी सिंह देव ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री से मानव-हाथी संघर्ष को लेकर प्रश्न पूछा था.
इस अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1128 के उत्तर में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तवर्धन सिंह ने अनुबंध-1 में हाथी के कारण मानव मौत के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं.
इन आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में छत्तीसगढ़ में हाथियों के हमले में 42 लोगों की मौत हुई है.
मानव-हाथी संघर्ष में 23 मौत के आंकड़े गायब
2020-21 के आंकड़ों की हक़ीकत ये है कि इस दौरान हाथियों के हमले में छत्तीसगढ़ में 42 नहीं, 65 लोग मारे गए हैं.
वन विभाग के आंकड़ों में 23 लोगों की मौत का उल्लेख ही नहीं हैं.
सेंट्रल गोंडवाना ख़बर के पास छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी संघर्ष में 2020-21 में जान गंवाने वालों के जो आंकड़े उपलब्ध हैं, उसके अनुसार अकेले जशपुर मंडल में इस साल 16 लोग, हाथियों के हमले में मारे गये थे.
इसी तरह धरमजयगढ़ वन मंडल में 14 लोग मारे गये.
2020-21 में सूरजपुर वनमंडल में 12 लोगों की हाथियों के हमले में मौत हुई.
कटघोरा मंडल में 9 लोगों ने हाथियों के हमले में जान गंवाई.
गरियाबंद में 4, रायगढ़ में 3, महासमुंद में 3, एलिफेंट रिज़र्व सरगुजा में 1, कोरबा में 1, बलौदा बाज़ार में 1 और बालोद ज़िले में 1 व्यक्ति की मौत हुई थी.